कोरोना टीकाकरण में ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मी भाग लेने से कर रहे इंकार

कोरोना टीकाकरण में ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मी न के बराबर भाग ले रहे हैं। खासकर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका में टीकाकरण के प्रति उदासीनता दिख रही है। जागरूक करने के बाद भी सेविका-सहायिका टीका नहीं ले रही है। यह हाल तब है जब स्वास्थ्य विभाग ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को हेल्थकर्मी का दर्जा दिया गया है। सीएस ने इसकी रिपोर्ट विभाग को सौंपी है।

जिले में पहले फेज में 21329 स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण के लिए निबंधित किया गया है। इसमें 8500 आंगनबाड़ी की सेविका और सहायिका भी शामिल हैं। इसमें से बुधवार तक सिर्फ 886 सेविका और सहायिका ने ही टीका लिया था। कुल स्वास्थ्य कर्मी के 40 फीसद संख्या आंगनबाड़ी सेविका का है। इनके भागीदार कम होने से स्वास्थ्य विभगा के टीकाकरण के आंकड़े का ग्राफ नीचे जाता दिख रहा है। अब तक 11937 लोगों का टीकाकरण किया गया जो कि कुल निबंधित लाभुकों का करीब 56 प्रतिशत है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को टीका को लेकर भ्रमित किया जा रहा है।
टीकाकरण बढ़ाने के लिए डीएम ने की बैठक
टीकाकरण में आईसीडीएस की ओर से आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के भाग नहीं लेने पर गुरुवार को डीएम प्रणव कुमार ने स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस की डीपीओ के साथ बैठक की। इसमें अधिक से अधिक सेविका-सहायिका को टीका दिलवाने का निर्देश दिया गया। आईसीडीएस के कर्मियों का प्रतिशत कम होने पर डीएम ने नाराजगी जतायी है।

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