Good News for Farmers: 100 जिलों में उड़ेंगे ड्रोन, फट से मिलेगा फसल बीमा क्लेम, DGCA ने दी हरी झंडी

कृषि मंत्रालय प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर धान एवं गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आकलन के लिए ड्रोन से तस्वीरें खींचेगा. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंत्रालय को 100 जिलों में धान एवं गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आकलन के लिए ड्रोन के जरिए तस्वीरें लेने की अनुमति दे दी है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

कृषि मंत्री ने ट्वीट किया कि देश में फसल के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आकलन का यह पहला रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी आधारित सबसे बड़ा पायलट अध्ययन है. उन्होंने बताया कि पायलट अध्ययन में ड्रोन से खींची गई तस्वीरों के अलावा सैटेलाइट आंकड़ों, बायोफिजिकल मॉडल, स्मार्ट सैंपलिंग, कृत्रिम मेधा (एआई) का भी इस्तेमाल किया जाएगा.
तोमर ने ट्वीट किया, ‘PMFBYके तहत दावों के समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए डीजीसीएस ने कृषि मंत्रालय के 100 धान और गेहूं उत्पादक जिलों में ड्रोन उड़ाने की अनुमति दे दी है.’ इस बड़े पैमाने के आकलन में ड्रोन की तस्वीरों के अलावा, हाई स्पेशल रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट डेटा, बायोफ़िज़िकल मॉडल, स्मार्ट सैंपलिंग, क्रॉपस्नैप, IoT, आदि का भी उपयोग किया जा रहा है.
13 एजेंसियों ने किया आकलन
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इस विभाग ने खरीफ 2019 और रबी 2019-20 के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर प्रत्यक्ष उपज अनुमान के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित दृष्टिकोण विकसित करने को लेकर अध्ययन करने के लिए 13 एजेंसियों को शामिल किया था, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और निजी एजेंसियां शामिल थी. एजेंसियों ने 2019 में खरीफ की नौ फसलों के लिए 15 राज्यों के 64 जिलों में सैटेलाइट, यूएवी, बायोफिज़िकल मॉडल, स्मार्ट सैंपलिंग और अन्य उन्नत सांख्यिकी तकनीकों की मदद से फसल की उपज के आकलन के लिए अध्ययन किया था.
इन सात एजेंसियों को चुना गया
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि एजेंसियों और मॉडलिंग एक्यूरेसी द्वारा उपयोग की जाने वाली उन्नत तकनीक के आधार पर खरीफ 2019 और रबी 2019-20 के लिए बड़े पैमाने पर पायलट अध्ययन के लिए सात एजेंसी (AMNEX, AGROTECH, CROPIN, ICRISAT, NMSUTHI, RMSI, WRMS) को चुना गया.

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