Bihar Crime: नामांकन रद्द होने पर घोसवरी की महिला बीडीओ का बाल खींचकर जमीन पर पटका, लात-घूंसों से बेरहमी से की पिटाई

पैक्स अध्यक्ष चुनाव के लिए गुरुवार को अध्यक्ष पद के दो दावेदारों का नामांकन रद्द होने पर घोसवरी प्रखंड कार्यालय में बड़ा बवाल हुआ। नामांकन रद्द होने से नाराज अध्यक्ष पक्ष के दो दावेदारों ने अपने पांच-छह साथियों के साथ महिला बीडीओ कामिनी देवी पर जानलेवा हमला कर दिया। 

कार्यालय से निकलकर वह अपनी गाड़ी में बैठने ही वाली थीं कि हमलावरों ने बाल पकड़ कर उन्हें खींच लिया। इसके बाद उन्हें उठाकर जमीन पर पटक दिया। फिर लात-घूसों से उनकी बेरहमी से पिटाई की, जिससे उनका सिर फट गया। कई अन्य जगहों पर चोटें आयीं। बचाव में आये चपरासी की भी हमलावरों ने जमकर पिटाई की। जख्मी बीडीओ का घोसवरी पीएचएसी में इलाज कराया गया है। बीडीओ का आरोप है कि हमले के दौरान आरोपित बीडीओ का मोबाइल भी छीनकर भाग गये। पिटाई से बीडीओ की हालत काफी गंभीर है। हमले के बाद घोसवरी पुलिस आरोपितों की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। देर रात पुलिस ने मुख्य आरोपित सरपंच मनोज को गिरफ्तार कर लिया।
नहीं कटवायी थी 11 रुपये की रसीद बीडीओ के मुताबिक गुरुवार को नामांकन पत्रों की जांच की गई। जांच में 11 रुपये की रसीद नहीं कटी होने पर कुर्मीचक से पैक्स अध्यक्ष पद के दावेदार बमबम यादव और अखिलेश यादव का नामांकन रद्द कर दिया गया। इससे दोनों खफा थे। बीडीओ का आरोप है कि शाम करीब 6 बजे जब वह अपने कार्यालय से निकल कर गाड़ी में बैठने जा रही थीं तभी बमबम यादव, अखिलेश यादव व कुर्मीचक के सरपंच मनोज समेत अन्य 5-6 लोगों ने हमला बोल दिया, जिससे सिर फट गया और कई जगह जख्म हो गये। वहीं नामांकन रद्द होने वाले पैक्स अध्यक्ष के दावेदारों का आरोप था कि दूसरों से प्रेरित होकर बीडीओ ने जानबूझ कर उनका नामांकन रद्द किया है, जिसे बीडीओ ने सिरे से खारिज कर दिया। 
घोसवरी थाना प्रभारी का कहना था कि बीडीओ की ओर से लिखित आवेदन मिलते ही नामजद आरोपितों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। एएसपी के नेतृत्व में फरार आरोपितों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। बीडीओ पर हमले को लेकर प्रखंड कार्यालय में देर तक अफरातफरी मची रही। इस घटना से बीडीओ संघ के सदस्यों में गहरा आक्रोश है।
कोई व्यक्ति अपनी शिकायत उचित फोरम पर दर्ज करा सकता है लेकिन कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता। किसी अधिकारी व कर्मचारी से हाथापाई करना उचित नहीं है। आरोपितों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। -डॉ.चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना

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