सदर अस्पताल में कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर शुरू

मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल समेत सूबे के पाच जिलों में गुरुवार को कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाडेय और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह ने वीडियो क्रॉन्फ्रेंसिंग से किया। शेष 10 जिलों में 15 दिनों के अंदर ही स्क्रीनिंग सेंटर काम करना शुरू कर देगा। शुभारंभ के बाद सदर अस्पताल स्थित आरबीएसके अस्पताल में खुले स्क्रीनिंग सेंटर में पहले दिन तीन मरीजों की जाच की गई। एसकेएमसीएच स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल के चिकित्सकों ने इन मरीजों की जांच की। स्वास्थ्य मंत्री के शुभारंभ के बाद डीडीसी व प्रभारी सीएस ने फीता काटकर स्क्रीनिंग कार्य की शुरुआत की। उत्तर बिहार में तेजी से बढ़ रही सर्वाइकल कैंसर की समस्या

कार्यक्रम के दौरान टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ.पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि उत्तर बिहार में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। महिलाओं की मृत्यु होने का यह बड़ा कारण है। उन्होने कहा कि घर में शौचालय नहीं होने से महिलाओं के गर्भाश्य का मुंह हाइजीन नहीं हो पाता है। इससे वे सर्वाइकल कैंसर का शिकार हो जाती हैं। यदि हर घर में शौचालय हो जाए तो अगले पांच साल में इस बीमारी से पीडितों की संख्या 10 फीसद से भी कम हो जाएगी।
नए संकल्प के साथ की गई नई शुरुआत : स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाडेय ने कहा कि नए संकल्प के साथ यह नई शुरुआत की गई है। मुजफ्फरपुर, भोजपुर, नालंदा, सिवान समेत पाच जिलों में गुरुवार से कैंसर मरीजों की पहचान के लिए स्क्रीनिंग सेंटर शुरू किया गया है। शेष 10 जिले में 15 दिनों के अंदर यह सेवा शुरू कर दी जाएगी। कहा कि सोमवार, मंगलवार, गुरुवार व शुक्रवार को प्रत्येक जिले के गावों में कैंप लगाकर कैंसर मरीजों की खोज की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्क्रीनिंग सेंटर को टाटा मेमोरियल अस्पताल को जोड़ा जाएगा। यहा आने वाले कैंसर मरीजों को टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सूबे में 1.40 लाख कैंसर मरीज चिह्नित हैं। इसमें सबसे अधिक ब्रेस्ट, ओरल व सर्वाइकल कैंसर के हैं।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि कैंसर की पहचान काफी देर से होने से अधिकतर मरीजों को बचाया नहीं जा पाता है। पानी में आर्सेनिक की मात्रा कम करने के लिए हाइजेनिक प्लाट प्रत्येक जिले में लगाने की योजना पर काम चल रहा है। इससे कैंसर से पीड़ितों की संख्या में कमी हो सकेगी। प्राथमिक स्टेज में पहचान पर 60 फीसद मरीजों को बचाया जा सकता
होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल मुजफ्फरपुर के प्रभारी डॉ.रविकात ने कहा कि कैंसर की पहचान यदि प्राथमिक स्टेज में हो जाए तो 60-70 फीसद मरीजों को बचाया जा सकता है। वहीं, देर से पहचान होने पर मात्र तीन फीसद मरीजों को ही बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नदियों व हाईवे के किनारे रहने वाले लोगों में कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने विभाग की ओर से किए जा रहे कार्याें की जानकारी दी। वहीं अतिरिक्त सचिव कौशल किशोर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मौके पर डॉ.हरेंद्र आलोक, डॉ.हसीब असगर, डॉ.सतीश कुमार, जयशकर प्रसाद, अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार समेत कई चिकित्सक व कर्मी मौजूद थे।
14 फरवरी तक चलेगा घर-घर कैंसर खोजी अभियान
घर-घर कैंसर खोजी अभियान की गुरुवार को शुरुआत की गई। यह 14 फरवरी तक चलेगा। आशा घर-घर जाकर परिवार के सदस्यों से सात सवाल पूछेंगी। इसमें चार अंक आने पर उसे संदिग्ध मानकर सदर अस्पताल या एसकेएमसीएच ले जाकर इलाज कराएंगी। इसकी मॉनीटरिंग एनसीडी सेल द्वारा की जा रही है। डॉ.शिवशकर इसके प्रभारी बनाए गए हैं।

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