मुजफ्फरपुर, जासं। सेना भर्ती रैली में शामिल दृष्टि दोष वाले कुछ अभ्यर्थी अपनी कमजोरी छिपाने के लिए बगैर चश्मे के आ रहे हैं। इससे उनको 1600 मीटर की दौड़ में ट्रैक पर गिरने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही अन्य कार्यों में भी परेशानी होती है। सेना भर्ती अधिकारी वैसे अभ्यर्थियों के बारे में तुरंत भांप लेते हैं। सेना अधिकारियों का कहना है कि दृष्टिदोष वाले युवक चश्मे नहीं लगाते हैं, फिर भी मेडिकल के दौरान पकड़ में आ जाएंगे। इसलिए पहले ही सच का सामना कर लेना ज्यादा अच्छा रहता है। दृष्टिदोष वाले अभ्यर्थी पर दौड़ निकालने के बाद भी छंटनी का खतरा लटका रहता है।
पश्चिमी चंपारण के 595 युवकों ने मारी बाजी
सेना भर्ती रैली के आठवें दिन पश्चिमी चंपारण के 3308 अभ्यर्थी शामिल हुए। 4832 युवकों ने जनरल ड्यूटी ट्रेड के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। इसमें दौड़ आदि को पार कर 595 अभ्यर्थी पास हो गए। शुक्रवार को नौवें दिन पूर्वी चंपारण के करीब 5000 अभ्यर्थी शामिल होंगे। गुरुवार की सुबह कुहासा नहीं रहने और धूप निकल जाने से दौड़ आदि समय से शुरू हो गया। इधर डीपीआरओ कमल किशोर ने सेना अधिकारी के हवाले से जानकारी दी है कि कुछ अभ्यर्थी हड़बड़ी में अपना मोबाइल लेना भूल जाते हैं या धोखे से छूट जाता हैं। वे परेशान न हों, वे अपना मोबाइल सेना भर्ती कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।
डीएम और भर्ती उपनिदेशक से मिलेंगे प्रतिनिधि
सेना भर्ती में दूसरे राज्य के घुसपैठी अभ्यर्थियों को रोकने के लिए पूर्व सैनिक संघ के प्रतिनिधि शीघ्र डीएम और बिहार-झारखंड के सेना भर्ती उप निदेशक एचएस जग्गी से मिलेंगे। पूर्व सैनिक संघ के जिलाध्यक्ष रामप्रवेश सिंह ने गुरुवार को स्टेशन हेडक्वार्टर एडम कमांडेंट अनिल कुमार वशिष्ट से मुलाकात की। एडम ने इस बात को ऊपर के अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। संघ संयोजक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व सैनिकों की विधवाओं/आश्रितों को मरणोपरांत मिलने वाली एडीएलआर निधि के 80 बकाया आवेदनों में से 30 का निष्पादन कर दिया गया है। राशि सीधे उनके परिजनों के खाते में गई है, शेष का निष्पादन जल्द कर दिया जाएगा।