इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के खुलासे के पुलिसिया दावे पर परिवार को भरोसा नहीं है। इतने सामाजिक और हाईप्रोफाइल शख्स की हत्या के रोडरेज की मामूली वजह होगी और वो भी सड़क पर हुए विवाद के दो महीने बाद इतनी बेरहमी से हत्या की जाएगी ये बात रूपेश के परिवार के गले से नीचे नहीं उतर रही। अब रूपेश के भाई दिनेश सिंह ने कहा है कि पुलिस की थ्योरी पर उन्हें यकीन नहीं है। उन्होंने कहा कि न्याय के लिए वे जान की बाजी लगा देंगे। हर हाल में न्याय लेकर रहेंगे। दिनेश ने कहा कि परिवार बस इतना चाहता है कि रूपेश की हत्या के पीछे की पूरी साजिश सामने आए और कोई भी दोषी बचने न पाए। उन्होंने न्याय के लिए सड़क पर उतरने और जरूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री आवास पर घेराव करने की भी चेतावनी दी।
रूपेश सिंह को पिछले महीने 12 जनवरी को उनके अपार्टमेंट के सामने ताबड़तोड़ कई गोलियां बरसाकर मौत के घाट उतार दिया गया था। इस घटना के बाद बिहार की सियासत गर्म हो गई थी। विपक्षी दलों ने सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया था। दो दिन पहले पुलिस ने इस केस के खुलासे का दावा करते हुए ऋतुराज नाम के एक अपराधी को पेश किया। ऋतुराज ने कैमरों के सामने कबूल किया कि नवम्बर 2020 में रूपेश की गाड़ी से उसकी बाइक का एक्सीडेंट हुआ था। ऋतुराज ने कहा कि तब रूपेश ने कार से नीचे उतरकर उसे पीट दिया था। इसी घटना का बदला लेने के लिए उसने रूपेश पर करीब दो महीने तक नज़र रखी। चार बार उसपर हमले का प्रयास किया और अंतत: 12 जनवरी को अपने तीन साथियों के साथ उनके अपार्टमेंट के सामने उन्हें गोलियों से भून दिया। रूपेश को छह गोलियां लगी थीं।
पटना के एसएसपी उपेन्द्र शर्मा ने ऋतुराज को मीडिया के सामने पेश कर जैसे ही हत्याकांड के खुलासे का दावा किया परिवार की ओर से इस पर अविश्वास जताने की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। रूपेश की पत्नी ने कहा कि नवम्बर में उनकी गाड़ी का एक छोटा सा एक्सीडेंट जरूर हुआ था लेकिन मारपीट और विवाद जैसी कोई घटना नहीं हुई थी। रूपेश जैसे ही गाड़ी से उतरे बाइक वाला वहां से भाग गया था। इस बात को लेकर रूपेश की हत्या हो जाएगी यह स्वीकार करने योग्य बात नहीं है। रूपेश के भाई नंदेश्वर सिंह ने भी कहा था कि पुलिस की बात पचने वाली नहीं है। परिवार का आरोप है कि पुलिस मामले को रफा-दफा करने के लिए इस तरह के दावे कर रही है। ये दावे बिल्कुल गलत और निराधार हैं। परिवार ने मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की है।