अपने बढ़ा रहे भाजपा सरकार की मुश्किलें

भोपाल (Bhopal) . ज्योतिरादित्य सिंधिया की पाला बदलने से शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) तो बन गए लेकिन अब उनकी ही पार्टी के नेता उनके लिए मुश्किलें बढ़ा रहे हैं. शिवराज सिंह चौहान जहां इस कार्यकाल में सख्त तेवर दिखा रहे हैं वहीं, दूसरी तरफ पार्टी के कई सीनियर नेताओं ने कई मांगों को लेकर शिवराज सिंह चौहान की राह को मुश्किल बना रहे हैं. हाल ही में उमा भारती ने शराबबंदी के खिलाफ अभियान छेडऩे की बात कहकर शिवराज की नई शराब नीति के लिए संकट खड़ा कर दिया है.

भाजपा और प्रदेश सरकार एक तरफ नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी हुई है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी के नेता ही उसके सामने परेशारियां खड़ी कर रहे हैं. वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री (Chief Minister) उमा भारती, पूर्व मंत्री अजय विश्रोई और विधायक नारायण त्रिपाठी अपनी ही पार्टी की सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं.
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उमा की शराबबंदी
पूर्व सीएम उमा ने शराबबंदी के खिलाफ अभियान शुरू करने की घोषणा की है. वो 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर शराबबंदी का अभियान शुरू करेंगी. मध्य प्रदेश की बेटी खुशबू इसकी प्लानिंग कर रही है. यह किस तरह का होगा, इसकी जानकारी जल्द ही जारी कर दी जाएगी. उमा भारती के इस ऐलान से शिवराज सरकार की चिंता बढऩा तय है. बता दें कि शिवराज सरकार वर्ष 2021-22 के लिए जल्द ही नई शराब नीति लागू करने की तैयारी कर रही है, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश में सियासत गरमा गई है.
विश्नोई का पार्टी की नीतियों पर हमला
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद से अजय विश्नोई लगातार पार्टी की नीतियों पर हमला बोल रहे हैं. पहले मंत्री नहीं बनाए जाने पर अजय विश्नोई ने भाजपा पर हमला बोला था वहीं, उसके बाद उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार में महाकौशल को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर भी पार्टी की नीतियों पर हमला बोला था. अजय विश्नोई ने ट्वीट कर कहा था- शिवराज सिंह चौहान जी प्रदेश के सभी जिलों में अनेकों समस्याएं सरल समाधान के लिए प्रभारी मंत्री की बाट जोह रही हैं. अनुरोध है चौथी बार मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) का मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनने की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेश को यह उपहार देने की कृपा करें और वायदे के अनुसार जबलपुर (Jabalpur)एवं रीवा का प्रभार स्वयं ग्रहण करें. नारायण का अलग विंध्य राज्य की मांग
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कमलनाथ सरकार में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने वाले भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी भी शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं. अलग विंध्य प्रदेश की आवाज बुलंद करने वाले बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी को प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी तलब कर चुके हैं. दरअसल, मैहर विधानसभा सीट से विधायक त्रिपाठी पिछले एक माह से विंध्य प्रदेश बनाने की मांग को लेकर क्षेत्रीय नेताओं को जोडऩे की कवायद कर रहे हैं. बता दें कि बीते छह दशकों से मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पृथक विंध्य राज्य की मांग उठ रही है. 1 नवंबर 1956 में जब मप्र का गठन हुआ, तब यह मांग सामने आई थी. मप्र विधानसभा के अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे श्रीनिवास तिवारी भी इस मांग के पक्ष में थे. उन्होंने उप्र व मप्र के बघेलखंड व बुंदेलखंड को मिलाकर नया राज्य बनाने की मांग उठाई थी.
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