बिहार: कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल की 12 से अधिक रेल परियोजनाओं को बजट में मिले सिर्फ हजार रुपये

बिहार की कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल की 12से अधिक महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को इस बार की बजट में मात्र एक-एक हजार रुपये का आवंटन किया गया है। ऐसा लग रहा कि मामूली राशि देकर परियोजनाओं को मात्र जीवंत रखने की कोशिश की गई है।

ये परियोजनाएं अटकेंगी बड़ा सवाल कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की बजट में मामूली राशि के प्रावधान से संबंधित रेल परियोजनाएं क्या गति पकड़ पाएगी। कुरसेला-बिहारीगंज नई  रेललाइन जैसी कई परियोजना राशि के अभाव में शुरू ही नहीं हो पाएगी। अररिया- सुपौल, खगड़िया-कुशेश्वरस्थान, दरभंगा-कुशेश्वरस्थान जैसी नई रेललाइन निर्माण का काम अटक जाएगा। बजट में मिली राशि पर नजर डालें तो कोसी को सीमांचल क्षेत्र से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण परियोजना अररिया-सुपौल नई रेललाइन(92 किमी) के लिए मात्र एक हजार मिले हैं। 304 करोड़ 41 लाख राशि वाली इस प्रोजेक्ट के लिए इससे पहले दो बार में 37 करोड़ 16 लाख तीन हजार राशि मिली थी। इस प्रोजेक्ट का काम चलने से इस बार की बजट में पर्याप्त राशि मिलने की लोग आस लगा रखे थे। 
मुजफ्फरपुर-दरभंगा रेललाइन के लिए भी एक-एक हजार  अब 192 करोड़ 46 लाख लागत वाली कुरसेला-बिहारीगंज(35 किमी) रेललाइन निर्माण को मिली राशि पर नजर डाले तो इसे भी मात्र एक हजार रुपए मिले हैं। ऐसे में इसके अटके रहने की पूर्ण संभावना है। खगड़िया-कुशेश्वरस्थान(44 किमी ) और दरभंगा-कुशेश्वरस्थान(70.14 किमी) नई लाइन के लिए भी मात्र एक-एक हजार राशि का प्रावधान किया गया है। महेशखूंट-थाना बिहपुर(31.75 किमी) और थाना बिहपुर-कुरसेला(33.57 किमी) आमान परिवर्तन कार्य के लिए भी मात्र एक-एक हजार राशि मिली है। विक्रमशिला-कटरेछ पीरपैंती नवगछिया(18 किमी) और मुजफ्फरपुर-दरभंगा(66 किमी) रेललाइन के लिए भी एक-एक हजार राशि ही मिले हैं। मोतिहारी-सीतामढ़ी(76 किमी), सीतामढ़ी-जयनगर-निर्मली बरास्ता सुसंद(188 किमी), मुजफ्फरपुर-कटरा-जनकपुर रोड(66 किमी) और छपरा-मुजफ्फरपुर रेललाइन के लिए भी मात्र एक-एक हजार राशि का ही प्रावधान किया गया है।
आरओबी के लिए मिली मात्र दस हजार राशि सहरसा-मधेपुरा यार्ड के बीच समपार संख्या 90 के स्थान पर बनने वाले आरओबी निर्माण के लिए बजट में मात्र दस हजार राशि मिली है। वहीं सहरसा-बैजनाथपुर के बीच समपार संख्या 104 पर आरओबी निर्माण के लिए महज एक लाख राशि का प्रावधान किया गया है। लाजिमी है इतनी कम राशि के प्रावधान से निर्माण अटका रह जाएगा।   अंतर्राष्ट्रीय महत्व वाले ब्रॉडगेज को मिली 250 करोड़ का फंड बजट में सबसे अधिक अंतर्राष्ट्रीय महत्व वाले सहरसा-फारबिसगंज-निर्मली-सकरी-लौकहा बाजार(206 किमी) ब्रॉडगेज निर्माण के लिए 250 करोड़ राशि मिली है। मानसी-सहरसा-पूर्णिया-बिहारीगंज रेलखंड पर आमान परिवर्तन कार्य के लिए 15 करोड़ की राशि मिली है। पर्याप्त राशि मिलने से इन रेलखंडों में शेष हिस्से में ब्रॉडगेज का काम गति के साथ समय से पूरा होने की उम्मीद बनी है। सुपौल जिला स्थित कोसी रेल महासेतु के लिए 60 करोड़ और कटरिया-कुरसेला कोसी नदी पर पुल व आंशिक दोहरीकरण कार्य के लिए 20 करोड़ राशि का प्रावधान किया गया है। 
मुंगेर गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल निर्माण के लिए 95 करोड़  मधेपुरा रेल इंजन विद्युत कारखाना के लिए दो करोड़ और मधेपुरा, दरभंगा सहित चार जगहों पर पानी टंकी निर्माण के लिए दो करोड़ राशि मिली है। मुंगेर गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल निर्माण ले 95 करोड़ और सकरी-हसनपुर(79 किमी) नई रेललाइन के लिए पांच करोड़ राशि मिली है। जयनगर-दरभंगा-नरकटियागंज(268 किमी) रेललाइन लिए 25 करोड़ राशि मिली है। 38 किमी दूरी में समस्तीपुर-दरभंगा दोहरीकरण लाइन के लिए 45 करोड़ और दरभंगा-शीशो हॉल्ट व काकरघाटी को जोड़ते हुए दरभंगा में बायपास लाइन लिए सौ करोड़ राशि का प्रावधान किया गया है।
जयनगर-नेपाल लाइन को मिले 880 करोड़ जयनगर-विजलपुरा और विजलपुरा-बारदीवास नेपाल के बीच विस्तार सहित 69.08 किमी ब्रॉडगेज निर्माण के लिए 880 करोड़ राशि बजट में दी गई है। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के पूरा होने पर सीधे मिथिलांचल क्षेत्र पड़ोसी देश नेपाल से जुड़ जाएगा। व्यवसायिक दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण रेलमार्ग हो जाएगा। 
 

अन्य समाचार