'ताज ट्रेपेजियम जोन' में केवल पर्यावरण अनुकूल छोटे, सूक्ष्म उद्योगों की ही अनुमति: एनजीटी

नयी दिल्ली, पांच फरवरी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में केवल पर्यावरण अनुकूल, गैर प्रदूषणकारी छोटे, लघु और सूक्ष्म स्तरीय उद्योगों की ही अनुमति दी जा सकती है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व वाली पीठ ने एक खनन कंपनी को खनिज संपदा के दोहन के लिए दी गयी मंजूरी को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की।
अधिकरण ने कहा कि यह परियोजना 'रेड' श्रेणी की परियोजना है जिसके तहत टीटीजेड के 10 किलोमीटर के दायरे में खनन के लिए विस्फोट का काम भी होना है। टीटीजेड के तहत इसकी अनुमति नहीं है इसलिए मंजूरी को निरस्त किया जाता है।
पीठ ने कहा, ''चूंकि पर्यावरण और वन मंत्रालय और परियोजना प्रस्तावक की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं आया है, इसलिए हम मंत्रालय को मामले में दो महीने के भीतर उपयुक्त आदेश जारी करने का निर्देश देते हैं। निर्णय होने तक परियोजना में खनन का काम नहीं होगा।''
पीठ पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा 'खंडा गिट्टी एंड बिल्डर्स' को भरतपुर के घाटा, बोकोली, महालपुर, कच्ची, बरोली, दहिना, रानपुर, जतरोली, लखनपुर, राजपुर, रानपुरा गांवों में खनन की दी गयी मंजूरी के खिलाफ राजस्थान निवासी हरिभान और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिका में कहा गया था कि परियोजना से विश्व धरोहर स्थल ताजमहल पर असर पड़ेगा।
'टीटीजेड' उत्तरप्रदेश में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा तथा राजस्थान के भरतपुर जिले के करीब 10,400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

अन्य समाचार