राजद ने ममता बनर्जी से मांगी बंगाल की छह सीटें, नाराज विधायकों पर जदयू की निगाहें

राज्य ब्यूरो, पटना। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बिहार के दो क्षेत्रीय दल अपने लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं। राजद और जदयू ने तैयारी कर रखी है। तृणमूल कांग्रेस से राजद को छह सीटें चाहिए, जबकि जदयू की तैयारी कम से कम 40 सीटों पर लड़ने की है। उसकी नजर विभिन्न दलों के वैसे विधायकों पर है, जो अपने दल से असंतुष्ट चल रहे हैं और टिकट से बेदखल हो सकते हैं।

राजद के लिए माहौल परखने और तृणमूल से गठबंधन की बात करने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी एवं श्याम रजक को कोलकाता भेजा था, जहां दोनों ने पहले अपने दल के कार्यकर्ताओं से परामर्श किया। फिर अपनी भावनाओं से तृणमूल को अवगत कराया। राजद नेताओं ने इस दौरान ममता बनर्जी के भतीजा अभिषेक बनर्जी से बात-मुलाकात की। श्याम रजक ने दावा किया कि तृणमूल के साथ उनकी बात सकारात्मक रही है। किंतु सीटों की संख्या के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।
तृणमूल को सौंपा प्रस्ताव
हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि कार्यकर्ताओं से बातचीत में राजद ने अपने लिए छह सीटें चिह्नित की हैं, जिसका प्रस्ताव भी तृणमूल को सौंप दिया गया है। पश्चिम बंगाल राजद के प्रदेश अध्यक्ष बिंदा राय ने जिन छह सीटों पर तृणमूल के साथ गठबंधन करते हुए लडऩे का प्रस्ताव दिया है, उनमें कोलकाता का बड़ा बाजार, आसनसोल जिले की रानीगंज, जमुडिय़ा एवं पंडेश्वर की सीटें हैैं। इसी तरह चौबीस परगना में बाटपारा एवं मेदिनीपुर जिले की खडग़पुर सीट भी हैै। बड़ा बाजार की सीट को राजद ने एक बार 2006 में जीत भी चुका है। इसलिए उसका दावा उसपर मजबूत है। हालांकि अभी तृणमूल की तरफ से स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह राजद के साथ गठबंधन करेगी या नहीं। अगर करेगी तो कितनी सीटें देगी।
जदयू की विक्षुब्धों पर नजर
जदयू का प्रयास पश्चिम बंगाल में छोटे-छोटे दलों से समझौता करके चुनाव लड़ने का है। साथ ही अन्य दलों के विक्षुब्धों पर भी नजर है। अरुणाचल प्रदेश में जदयू को इसी लाइन पर काम करते हुए कामयाबी मिली थी। हालांकि बंगाल के बारे में अभी आखिरी तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। किंतु जदयू की ओर से बंगाल के आदिवासी क्षेत्रों में काम कर रहे छोटे दलों से संपर्क साधा जा रहा है। बैठकों का सिलसिला जारी है।

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