पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा अमरावतीधाम पंचपहाड़ी

जमुई। एनएच 333 झाझा-सोनो मुख्य मार्ग के किनारे अवस्थित अमरावतीधाम पंचपहाड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां आने वाले लोगों को तमाम सुविधाएं मयस्सर हो सके, इसके लिए उक्त स्थल को पूरी तरह विकसित किया जाएगा। पहाड़ी पर चबूतरा व पार्क का भी निर्माण कराया जाएगा। उक्त बातें बीडीओ ममता प्रिया ने सीओ अनिल कुमार चौबे, थानाध्यक्ष पंकज कुमार पासवान के साथ अमरावती धाम पंचपहाड़ी का निरीक्षण करते हुए कही। उन्होंने बताया कि इस रमणीय स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा। प्रखंड के लोगों के मनोरंजन के लिए ना तो कोई पार्क है और ना ही कोई पिकनिक स्पॉट। इस परिस्थिति में लोगों के मनोरंजन का एकमात्र साधन पंचपहाड़ी है। मकर संक्रांति का त्यौहार हो या पहली जनवरी को पिकनिक मनाने का उद्देश्य। लोगों को पंचपहाड़ी का मनोरम दृश्य अपनी और खींच लेता है। अन्य दिन भी लोग मनोरंजन व सुकून के लिए पहाड़ी पर घूमने जाते हैं। पर्यटन स्थल के रूप में पहाड़ी के विकसित होने से लोगों को मनोरंजन का साधन मिलेगा। साथ ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर विभाग को सहमति के लिए भेजा जाएगा।

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अमरावतीधाम पंचपहाड़ी की प्राकृतिक छटा बहुत ही आकर्षक है। इसे आसानी से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर विभाग को सहमति के लिए भेजा जाएगा।
ममता प्रिया
बीडीओ,सोनो
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पंचपहाडी में क्या-क्या है खास
जिले में काले चट्टानों की पहाड़ियां कहीं और नहीं। पंचपहाड़ी की इसी सांवली सूरत की तह में छिपी है इसकी आध्यात्मिकता , प्रेम , शांति , समर्पण व सौंदर्य की अनोखी गाथा। काली पहाड़ियों के मध्य अवस्थित माता दुर्गा, भगवान शिव, माता पार्वती, बजरंगबली आदि देवी-देवताओं के मंदिर यहां आकर्षण के मुख्य केंद्र हैं। यहां सालों भर श्रद्धालुगण पूजा-अर्चना को आते हैं। नवरात्र के नौ दिन, महाशिवरात्रि, मकर सक्रांति और एक जनवरी को यहां मेला आयोजित किए जाते हैं। सावन के महीने में इस मार्ग से होकर गुजरने वाले कांवरियों के लिए पंचपहाड़ी पसंदीदा विश्राम स्थल है। यहां का बेंगा पहाड़, नवा पहाड़, कुंज गली, ससरहुआ पहाड़ आदि लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। पंचपहाड़ी में अवस्थित एक कुएं का दूधिया जल तमाम व्याधियों की संजीवनी है। नीले जल से लबालब तालाब यहां की सुंदरता को और भी चार चांद लगा देता है। इसी कारण पंच पहाड़ी को बिहार का वृंदावन कहा जाता है।
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पर्यटक रोड मैप में शामिल होने की शर्तें
पंचपहाड़ी को पर्यटन रोड मैप में शामिल करने की मांग तो होती रही है लेकिन पर्यटन रोड मैप में जिले के किन स्थलों को शामिल किया जाना चाहिए इसकी अनुशंसा पूरी तरह जिलाधिकारी किया करते हैं। डीएम संबंधित स्थलों के संबंध में उसकी ऐतिहासिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक व भौगोलिक विवेचना के बाद ही तय करते हैं कि अमुक स्थल को पर्यटन रोड मैप में शामिल किया जाए । इसके लिए उक्त स्थल पर आवासन, यातायात, संचार, सुरक्षा आदि सुविधाएं होनी चाहिए।

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