इसरो 2021 के पहले मिशन के तहत 28 फरवरी को ब्राजील के उपग्रह, 20 अन्य उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा

बेंगलुरु, पांच फरवरी भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की 2021 के अपने पहले मिशन के तहत 28 फरवरी को ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 और 20 अन्य उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना है। इन उपग्रहों में से एक भारतीय स्टार्टअप द्वारा निर्मित है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को कहा कि यह प्रक्षेपण चेन्नई से 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह दस बजकर 23 मिनट पर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-51 के माध्यम से किया जाना है जो मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा।
पीएसएलवी सी-51/अमेजोनिया-1 भारत सरकार की अंतरिक्ष विभाग के तहत आने वाली कंपनी न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है।
एनएसआईएल इस मिशन को स्पसेफ्लाइट इंक. यूएसए के साथ वाणिज्यिक समझौते के अधीन अंजाम दे रही है।
अमेजोनिया-1 ब्राजील के नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च (आईएनपीई) का पृथ्वी निगरानी ऑप्टीकल उपग्रह है।
इसके साथ प्रक्षेपित किए जानेवाले 20 अन्य उपग्रहों में 'आनंद', 'सतीश धवन उपग्रह' और 'यूनिटीसैट' भी शामिल हैं।
'आनंद' का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप, पिक्सल और 'सतीश धवन उपग्रह' का निर्माण चेन्नई आधारित स्पेस किड्स इंडिया ने किया है।
'यूनिटीसैट' तीन उपग्रहों का मेल है जो जेप्पियार इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, श्रीपेरुमबदूर, जी एच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और श्री शक्ति इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर का संयुक्त उपक्रम है।
इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने पूर्व में कहा था कि यह मिशन पूरे देश के लिए एक विशेष मिशन है और यह अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार के एक 'नए युग' की शुरुआत है।
पिक्सल के मुख्य कार्याधिकारी अवैस अहमद ने कहा, ''हम इस बात से गौरवान्वित हैं कि भारत का पहला वाणिज्यिक निजी उपग्रह अब भारतीय रॉकेट के माध्यम से प्रक्षेपित होगा।''
इसने कहा कि 2023 तक उसकी 30 उपग्रहों का एक पुंज बनाने की योजना है।
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