हत्याकांड में एक को दे दी जमानत तो दूसरे की रद्द की, हाईकोर्ट सख्त

हत्याकांड में दो अभियुक्तों पर एक समान आरोप होने के बावजूद एक की अग्रिम जमानत खारिज करने तथा दूसरे को अग्रिम जमानत देने के मामले को पटना हाईकोर्ट ने गम्भीरता से लिया है। इस मामले में मिली अग्रिम जमानत को निरस्त कर अभियुक्त वृंद पासवान को चार सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने तथा नियमित जमानत लेने का आदेश दिया है।

साथ ही अग्रिम जमानत देने वाले एडीजे के खिलाफ जांच व कार्रवाई करने के लिए केस की फाइल सहित पूरी कागजात मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार की एकलपीठ ने बिहार सरकार की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। मामला दनियावां थाना कांड संख्या 171 /2019 से संबंधित है। इस केस में अभियुक्त पुतुर पासवान और वृंद पासवान दोनों पर एक समान आरोप हैं। दोनों ने कट्टा और लोहे के रॉड से सूचक और उसकी मां पर वार किया। इलाज के दौरान सूचक की मां ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम में मौत का कारण शारीरिक चोट बताया गया। पटना सिटी के एडीजे प्रथम ने पुतुर की अग्रिम जमानत अर्जी को 11 नवम्बर 2019 को खारिज कर दिया, जबकि वृंद पासवान को 23 दिसम्बर 2019 को अग्रिम जमानत दे दी।
अग्रिम जमानत को रद्द करने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर की। कोर्ट ने वृंद पासवान को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। साथ ही पटना सिविल कोर्ट के जिला व सत्र न्यायाधीश से रिपोर्ट भी तलब की। जिला जज की रिपोर्ट तथा कागजात देखने के बाद कोर्ट ने एडीजे के दोनों न्यायिक आदेश में विसंगति पाते हुए वृंद की अग्रिम जमानत रद्द कर दी। साथ ही एडीजे के खिलाफ जांच व कार्रवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष कागजात प्रस्तुत करने का आदेश दिया।

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