अब हिसक हंगामा करने वाले लोगों के लिए नौकरी व विदेश यात्रा आसान नहीं

दरभंगा। अब सड़क पर उतरकर हंगामा करना। भीड़ को हिसक बनाना और हिसा पर उतारू होना। सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाना और सरकारी काम में बाधा बनना लोगों के लिए परेशानी का कारण होगा। वैसे लोग सरकारी सेवक नहीं बन सकेंगे जिन्होंने कभी किन्हीं कारणों से कानून को अपने हाथ में लिया और हिसक आंदोलन का हिस्सा बने। इतना ही नहीं वे सरकारी ठेकों व अन्य मानक कार्यों के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे । ऐसे लोगों के लिए पासपोर्ट बनवाना भी मुश्किल होगा। सूबे में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हाल में सरकार के गृह विभाग के सचिव की ओर से इस सिलसिले में 25 जनवरी को एक पत्र सभी जिलों को भेजा गया है। पत्र में सड़क पर व अन्य जगहों पर होने वाले आंदोलनों को हिसक बनाने की चल पड़ी परंपरा पर रोक लगाने के लिए प्रभावी निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों में साफ कहा गया है कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसके कारण कोई आंदोलन हिसक हुआ और उसके खिलाफ आपराधिक धाराओं में आरोपपत्र समर्पित किया जाता है तो इस तरह के चिन्हित लोगों के लिए जारी किए जाने वाले चरित्र प्रमाण पत्र में संबंधित सूचनाएं साफ तौर पर दर्ज किए जाएंगे। ताकि, ऐसे लोगों पर शिकंजा कसा जाए। गृह विभाग का पत्र मिलने के साथ दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक बाबू राम ने सभी थानेदारों सहित अंचल पुलिस निरीक्षक और एसडीपीओ को आदेश जारी कर दिया है। उपरोक्त आलोक में स्थानीय स्तर पर कवायद तेज हो गई है।


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समय-समय पर वरीय अधिकारी करेंगे जांच :
थानेदार नए नियम के तहत काम कर रहे हैं अथवा नहीं इसकी जांच वरीय पदाधिकारी करेंगे। एसएसपी ने बताया कि विधि व्यवस्था भंग करने, सड़क जाम कर विरोध-प्रदर्शन, संपत्ति मूलक अपराध आदि में शामिल लोगों का नाम और पता थाने के रजिस्टर में पहले से अंकित है। नए मामले सामने आने पर संबंधित आरोपितों के नाम दर्ज किए जाते हैं। ऐसे में जिनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा वो सरकारी नौकरी या ठेके के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे। संबंधित लोगों के चरित्र प्रमाण पत्र में इसे स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाना है। सभी एसडीपीओ को इस अभियान का निरीक्षण लगातार करने को कहा गया है।
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