रूपेश सिंह हत्याकांडः जांच की खामियों ने पुलिस की थ्योरी पर खड़े किए सवाल

पटना. रूपेश सिंह की हत्या के 22 दिनों के बाद पटना पुलिस (Rupesh Singh Murder Case) ने आरोपी को पेश कर जो थ्योरी बताई थी, उसे रूपेश के परिवार वालों ने झूठ का पुलिंदा करार दिया. उनकी पत्नी नीतू सिंह ने तो इस मामले पर हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच (CBI Investigation) तक की मांग कर दी. इससे परेशान पटना पुलिस के कप्तान दौड़े भागे रूपेश की पत्नी नीतू सिंह से मिलने छपरा पहुंचे और उन्हें अपने अनुसंधान का पूरी कहानी बतायी. पटना पुलिस ने रूपेश सिंह की हत्या मामले में एक युवक की गिरफ्तारी के बाद केस को सुलझा लेने का चाहे जो दावे कर ले, लेकिन जांच की खामियों ने पुलिस की थ्योरी पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. हत्या के बाद मामले की जांच कर रही एसआईटी और एसटीएफ ने सबसे पहले दावा किया था कि टेंडर विवाद या फिर एयरपोर्ट पार्किंग के कारण हत्या हुई है. बिहार पुलिस के मुखिया एसके सिंघल ने भी तब इसका समर्थन किया था. लेकिन, जब पटना पुलिस ने 3 फरवरी को पूरे मामले का रहस्योघाटन किया तो एक नई थ्योरी बतायी. पुलिस ने कहा कि रूपेश की हत्या 29 नवम्बर को हुए रोडरेज के कारण हुई है. इसी प्रकार रूपेश की हत्या के बाद मामले की समीक्षा करने पटना के एसएसपी कार्यालय आए डीजीपी ने कहा था कि रूपेश को जिस प्रकार से 6 गोलियां मारी गई है उससे साफ लगता है कि उसकी हत्या शार्प शूटर या फिर कॉन्ट्रैक्ट किलर के द्वारा की गई है. लेकिन पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने अपने ही डीजीपी के दावे को उलटते 3 फरवरी को कहा कि रूपेश का हत्यारा शार्प शूटर नहीं, बल्कि मोटरसाइकिल चोर है.

हत्या के तरीके से पुलिस पर सवाल

पटना पुलिस का दावा है कि हत्या का कारण रोडरेज है. तो सवाल यह है कि फिर डेढ़ माह बाद क्यों हत्या की गई? रोडवेड मामले में अभी तक ऐसा देखा जाता रहा है कि घटना के तुरंत बाद ही हत्या होती है. संभवतः रूपेश का यह पहला मामला है जो कि घटना के डेढ़ माह बाद हुई है. पुलिस का कहना है कि रुपेश का हत्यारा ऋतुराज मोटर साइकिल चोर है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है. उसने कभी गोली नहीं चलायी है. तो फिर सवाल यह उठता है कि ऋतुराज ने कैसे ऑटोमेटिक पिस्टल से रूपेश को छह गोलियां उसके शरीर में उतार दिए. वह भी सारी गोली दाहिने तरफ उतारे गए हैं.
पहले भी 4 बार किया था हत्या का प्रयास

एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने दावा किया है कि 12 जनवरी को रूपेश की हत्या करने से पहले ऋतुराज ने 4 बार उसने उसे मारने की कोशिश की थी. लेकिन वह हर बार असफल रहा. आरोपी ऋतुराज का कहना है कि वह रूपेश को नहीं जानता है. उसे उसके संबंध में अगले दिन अखबार से पूरी जानकारी मिली कि वह इंडिगो एयरलाइंस में स्टेशन मैनेजर था. पुलिस के इस दावे पर उनके ही विभाग के रिटायर पुलिस अधिकारी सवाल खड़ा करते हैं. उनका कहना है कि जो व्यक्ति रूपेश की हत्या के लिए चार बार प्रयास कर सकता है क्या वह रूपेश के संबंध में जानकारी एकत्रित नहीं कर सकता कि वह कौन था और क्या करता था. जबकि आरोपी ऋतुराज जयपुर में रहकर बीए किया और फिर दिल्ली में नौकरी भी किया. पुलिस का कहना है कि रूपेश की हत्या के लिए ऋतुराज ने पूरी प्लानिंग और रेकी किया था. तब उसने क्या रूपेश के संबंध यह नहीं पता लगाया कि वह कौन है और क्या करता है? वह संपन्न परिवार का अपने मां बाप का एकलौता लड़का था. तो फिर उसे चोरी करने की क्या जरुरत पड़ी? पुलिस के इस दावे पर भी सवाल खड़े होते हैं. बताते चलें कि उसके ऊपर बाइक चोरी के भी अभी तक कोई मामले दर्ज नहीं हैं और चोरी के कोई बाइक भी नहीं मिली हैं.
कठघरे में हैं पुलिस के दावे

एक अहम सवाल जो पुलिस की जांच पर सवाल खड़ा कर रहे हैं वह है जब आरोपी ऋतुराज ने रूपेश की हत्या के लिए चार बार प्रयास किया तो फिर उसे यह कैसे नहीं पता चला कि रूपेश कब अपने घर वापस लौटता है. पुलिस पर यहां पर अपने ही दावे पर सवालों में घिरी नजर आती है. पुलिस का कहना है कि आरोपी ऋतुराज रूपेश को पहली बार राजवंशी नगर स्थित हनुमान मंदिर के पास शाम तीन -चार बार देखा था. जबकि रूपेश शाम छह से सात बजे के आस पास अपने घर वापस लौटता था तो फिर ऋतुराज ने कैसे रूपेश को शाम तीन -चार बजे देख लिया? इसी प्रकार ऋतुराज ने जब रेकी किया था तो उसे इसकी जानकारी थी कि रूपेश कब अपने घर लौटता है तो फिर ऋतुराज अपने साथियों के साथ घटना के दिन एक बजे से वहां क्या कर रहा था. (डिस्क्लेमर : ये लेखक के निजी विचार हैं)

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