रोहतास के कोचस नगर पंचायत के लोगों ने होल्डिंग टैक्‍स का किया विरोध, कहा-पहले शहरों जैसी सुविधाएं तो मिले

संवाद सूत्र, कोचस (रोहतास)। नगर पंचायत गठन के छह साल बाद होल्डिंग टैक्स (Holdint Tax) एवं ट्रेड लाइसेंस (Trade License) के लिए कराए जा रहे सर्वे को लेकर लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। नगर वासियों का कहना है कि पहले उन्हें सुविधा मिले फिर उनसे टैक्स लिया जाए। इससे तो बेहतर ग्राम पंचायत थी। यदि नगर पंचायत नहीं हुई होती तो अब तक ग्रामीण इलाकों की तरह कोचस की भी गली नाली बनकर चकाचक हो जाती। लेकिन यहां न सड़क और नाले हैं और न ही साफ-सफाई।

छह साल पहले बनी नगर पंचायत लेकिन विकास के नाम पर कुछ नहीं
स्थानीय लोगों ने बताया कि छह साल पूर्व कोचस को नगर पंचायत बनाए जाने के बाद से अबतक विकास के नाम पर ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे इसे दूसरे नगर पंचायतों से तुलना की जा सके। कोचस में बजबजा रही गली नाली एवं चारो तरफ फैले कचरे के बाद भी नगर पंचायत की ओर से स्वच्छता के लिए कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता चुनमुन पांडेय, अजय कुमार सिंह, बिहार विकास मोर्चा के संस्थापक खेदन प्रसाद सिंह समेत अन्य का कहना है कि यहां नगर पंचायत में बगैर कोई कार्य किए एवं सुविधाओं के अभाव के बीच होल्डिंग टैक्स वसूलने की प्रक्रिया प्रारंभ किया जाना उचित नहीं है।
शहरों जैसी सुविधाएं यहां के लोगों का सपना
कहा कि नगर पंचायत का गठन इस लिए हुआ रहा कि यहां शहरों जैसी सुविधा मिलेगी। नालियों की सफाई और लोगों को नगरीय मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। लेकिन यहां की नालियां गंदगी से बजबजाती रहती हैं। तमाम सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। रोड लाइटें खराब पड़ी हुई है। हर घर नल का जल की सुविधा भी नहीं मिल पाई है। उनका कहना है कि जब मुहल्ले की गली व नाली नहीं बन पाई तो वहां नगर पंचायत के नाम पर झाडू लगवाने का क्या औचित्य है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान वैसे भी लोगों की आर्थिक स्थिति बदहाल है। ऊपर से होल्डिंग टैक्स थोपना कहां तक उचित है। कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देश एवं नियमों का अनुपालन करते हुए होल्डिंग टैक्स लगाने की प्रक्रिया शुरु की गई है। उसके बाद टैक्स की वसूली होगी।

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