East Champaran News : ये कैसे थाने? ये तो बन चुके हैं कबाडख़ाने

पश्चिम चंपारण (बगहा). जागरण संवाददाता। बगहा पुलिस जिले के अधिकांश थानों में पूर्व में जब्त किए गए बड़ी संख्या में वाहन अब सड़ रहे हैं। समुचित जगह के अभाव में अधिकांश वाहन थाना के मुख्य भवन के आसपास रखे जाते हैंं। इस वजह से थाने कबाडख़ाने प्रतीत होते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण लंबे समय से इन वाहनों की नीलामी नहीं होना है। इसके अलावा एक बार यदि किसी का वाहन पकड़ा जाता है तो फिर थाने से वाहनों को छुड़ाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

शराबबंदी कानून के प्रभावी हो जाने के बाद जब्त वाहनों की संख्या बढ़ी :
पांच साल पहले शराबबंदी कानून के प्रभावी हो जाने के बाद जब्त वाहनों की संख्या बढ़ गई है। शराब के साथ जब्त वाहनों की नीलामी उत्पाद विभाग के द्वारा की जाती है, लेकिन नीलामी की भी गति काफी धीमी है।
लावारिस व चोरी के वाहनों को लेकर पुलिस परेशान :
पुलिस पदाधिकारियों को सबसे अधिक परेशानी लावारिस व चोरी के वाहनों को लेकर होती है। एक बार ऐसे वाहन जब्त होने के बाद लंबे समय तक कोई दावेदार नहीं आता। नतीजतन नीलामी होने तक वाहन थाने में ही सड़ते रहते हैं। हालांकि दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को मालिक प्रक्रिया पूरी कर छुड़ा ले जाते हैं।
यह है जब्त गाड़ी को मुक्त कराने की प्रक्रिया :
बगहा न्यायालय में अधिवक्ता रवि कुमार बताते हैं कि अगर किसी की गाड़ी दुर्घटना या लावारिस हालत में पुलिस पकड़ती है तो वाहन स्वामी को न्यायालय में अपने अधिवक्ता के माध्यम से कागजात प्रस्तुत करना पड़ता है। न्यायालय के द्वारा संबंधित थाने से गाड़ी के संबंध में रिपोर्ट मांगती है। थाने से रिपोर्ट आने के बाद वैसी गाड़ी जिसका सभी कागजात सही होता है तो न्यायालय द्वारा उसे छोडऩे का आदेश दिया जाता है।
वहीं इस संबंध में बगहा एसपी किरण कुमार गोरख जाधव का कहना है कि थानों में जब्त वाहनों को मुक्त करने के लिए संबंधित न्यायालय का आदेश चाहिए। अगर न्यायालय के द्वारा जब्त वाहन को मुक्त करने का आदेश दिया जाता है तो वैसे वाहन को पुलिस कागजात की जांच कर मुक्त कर देती है।

अन्य समाचार