बिहार की चिट्ठी पॉलिटिक्स: लोजपा संसदीय बोर्ड के पत्र का जदयू ने दिया यूं जवाब

लोजपा संसदीय बोर्ड द्वारा भेजी गयी चिट्ठी का जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने विस्तृत जवाब दिया। चिराग पासवान को संबोधित इस पत्र में उन्होंने कहा, जो वक्तव्य पढ़ने को मिला वह वास्तविकता से दूर एवं भ्रामक है। स्वर्गीय रामविलास जी जैसे साथी के निरादर करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। 

त्यागी ने कहा कि 2005 से लेकर 2015 तक किसी भी चुनाव में जदयू और एलजेपी का गठबंधन नहीं रहा। एलजेपी ने 2015 और 2019 में एनडीए में भाजपा से गठबंधन करके चुनाव लड़ा। यद्यपि 2015 में 40 सीट लड़कर एलजेपी 2 सीटें ही प्राप्त कर सकी। 2019 के चुनाव को लेकर कभी भी एलजेपी ने जदयू की भूमिका को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोजपा के सभी उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार किया। 2020 विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर जदयू और एलजेपी में कोई चर्चा नहीं हुई। भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने स्वीकार किया है कि एलजेपी अधिक सीटों की डिमांड कर रही थी, लिहाजा समझौता नहीं हो सका। 
त्यागी ने चिराग पासवान को कहा कि बेहतर होता कि आप यह दोष भाजपा को देते। उन्होंने कहा कि लोजपा ने जदयू और भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवारों के विरुद्ध चुनाव में प्रत्याशी उतारे और प्रत्यक्ष रूप से मुख्य विपक्षी दल राजद की मदद की। एनडीए के खराब प्रदर्शन पर मंथन बताता है कि आपके नकारात्मक रुख से आरजेडी को मदद मिली और हमारे कई उम्मीदवारों को पराजय। उन्होंने नसीहत दी कि आशा है चिराग स्व. रामविलास पासवान का यह पाठ सदैव याद रखेंगे कि अलग रास्ते होते हुए भी रिश्ते की निरंतरता बनी रहे।   

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