केरल : चुनाव से पहले कांग्रेस का वादा, सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बनेगा कानून

केरल में कांग्रेस पार्टी (Congress) प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple) में महिलाओं के प्रवेश को लेकर एक कानून बनाने पर विचार कर रही है. राज्य में अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फंट्र (UDF) की यह पहल एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पहल साबित हो सकती है, क्योंकि यह मंदिर में प्रवेश के दौरान सालों पुरानी परंपरा को तोड़ने वालों के लिए दो साल जेल की सजा भी चाह रही है.

इस मामले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राज्य के पूर्व गृहमंत्री तिरुवंचूर राधाकृष्णन ने विधेयक का एक ड्राफ्ट पेश किया है. उनका कहना है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो प्रदेश में इस कानून को लागू किया जाएगा. राधाकृष्णन ने मीडिया से कहा कि इस ड्राफ्ट के मुताबिक, सबरीमला मंदिर में प्रवेश करते समय सालों पुरानी रीतियों और परंपराओं का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा और दो साल के लिए जेल भी भेजा जाएगा.
इस वजह से चुनावों में LDF को कांग्रेस से मिली थी हार
इस विधेयक के ड्राफ्ट में ‘तंत्री’ या प्रधान पुरोहित को मंदिर की रीतियों और परंपराओं को देखते हुए फैसला लेने का पूरा अधिकार दिया गया है. दरअसल, 2019 के आम चुनावों में CPI (M) के नेतृत्व वाले LDF को कांग्रेस के हाथों करारी हार मिली थी. इन चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF को 20 में से 19 सीटें मिली थीं. इसका कारण CPI (M) और पिनरायी विजयन (Pinarayi Vijayan) के खिलाफ हिंदू समुदाय का गुस्सा बताया जाता है, क्योंकि उन्होंने प्रतिबंधित आयु वर्ग (Restricted Age Group) की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी.
UDF और BJP ने LDF पर लगाया था यह आरोप
सबरीमाला मंदिर को बहुत ही पवित्र माना जाता है, क्योंकि यहां विराजमान भगवान अय्यप्पा (God Ayyappa) को ‘ब्रह्मचारी’ माना जाता है. इस मंदिर में 10 से 50 साल के आयु वर्ग की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी थी. विपक्षी पार्टियों- UDF और BJP ने आरोप लगाया था कि LDF ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दायर किया था, उसी के कारण सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा फैसला सुनाया.
“पहले तो कभी सबरीमाला को लेकर गंभीर नहीं रही कांग्रेस”
फिलहाल, कांग्रेस के इस विधेयक वाले मसौदे से CPI (M) और BJP में हड़कंप मच गया है. CPI (M) नेताओं ने कहा है कि यह केवल एक चुनावी स्टंट है. कांग्रेस इस तरह का कानून नहीं ला सकती. इसमें कई रुकावटें हैं. BJP के प्रदेश महासचिव एमटी रमेश ने बताया कि यह एक गलत है. सबरीमला को लेकर कांग्रेस कभी भी गंभीर नहीं रही. जब प्रदेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे थे तो उस वक्त कांग्रेस कहां थी? उस समय उन्होंने ऐसी घोषणा क्यों नहीं की? कांग्रेस केवल इसके जरिए कुछ वोट हासिल करना चाहती है.
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