आपराधिक वारदातों पर नही लग रहा विराम, लूट और डकैती से दहशत में जान

जागरण संवाददाता, सुपौल । पिपरा थाना क्षेत्र के महेशपुर में जिस तरह की घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया शायद यह सुपौल जिले के लिए पहली घटना होगी। इस सनसनीखेज वारदात से लोग सहमे हुए हैं। हालांकि घटना में शामिल अपराधियों को पकडऩे के लिए पुलिस दिन-रात एक किए हुई है लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि सुपौल जिले में हाल के कुछ माह में डकैती व लूट जैसी घटना में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। मालूम हो कि अपराध की ²ष्टिकोण से सुपौल की गिनती सबसे शांत जिले में होती है लेकिन इस तरह डकैती व लूट जैसी घटना में बढ़ोत्तरी होना अच्छा संकेत नहीं है। यह अलग बात है कि पुलिस अपना काम कर रही है और कई मामलों का बखूबी उछ्वेदन कर घटना को अंजाम देने वाले अपराधी को सलाखों के पीछे भेजी है। बावजूद इसके अपराधिक घटनाओं पर विराम नहीं लग पा रहा है।

2020 में 56 लूट की घटना
सुपौल जिले में डकैती व लूट की घटना में हुई बढ़ोत्तरी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2020 में 4 डकैती व 56 लूट की घटना घटी । जिसमें 1 गृह डकैती, 3 रोड डकैती, 2 गृह लूट तथा 54 रोड लूट की घटना शामिल है। 2020 में सबसे अधिक दिसम्बर माह में लूट की घटना घटी । 11 लूट की घटना दिसंबर में घटी। वहीं सबसे कम मार्च में मात्र 1 लूट की घटना।
लोगों को भी होना होगा जागरूक
अपराध की नजर से सुपौल शांत जिला की श्रेणी में खड़ा रहे इसके लिए सिर्फ पुलिस पर ही निर्भर नहीं रहना होगा। बल्कि अपराध रोकने के लिए लोगों को भी आगे आना होगा। पुलिस व जनता में समन्वय स्थापित करनी होगी। अन्यथा डकैती व लूट जैसी घटना का बढ़ता ग्राफ घातक साबित होगा और महेशपुर जैसी घटना आम हो जाएगी।
सुपौल जिले में छह वर्षों की डकैती-लूट का आंकड़ा
वर्ष- गृह डकैती- रोड डकैती- गृह लूट- रोड लूट
2015 01 01 02 35
2016 01 02 00 44
2017 03 00 00 47
2018 01 01 00 35
2019 00 00 00 31
2020 01 03 02 54

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