Sitamarhi : तीन दिन खोले रखने के बाद गौर -बैरगनिया बॉर्डर भी हुआ बंद, भारत-नेपाल सीमा क्षत्र के लोगों में निराशा

सीतामढ़ी, जागरण संवाददाता। भारत-नेपाल सीमा पर भिट्ठामोड़, कन्हौली, मेजरगंज, परिहार चेक पोस्ट के खुलने की उम्मीद लगाए बैठे सीमा क्षेत्र के लोगों को निराशा हाथ लगी है। तीन दिन खोले रखने के बाद गौर -बैरगनिया बॉर्डर भी बंद कर दिया गया है। शनिवार अल सुबह ही बैरियर को गिरा दिया गया और वहां पहरा सख्त कर दिया। सीमांचल के लोगों की आवाजाही को अवरुद्ध कर दिया गया है।

एंबुलेंस, शव वाहन और विशेष परिस्थिति में बीमार को आने-जाने की इजाजत मिल सकती :
एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार की रात विभाग का निर्देश आने के कारण शनिवार की सुबह बॉर्डर को पुन: बंद किया गया है। उन्होंने बताया कि आम आवाजाही बंद रहेगी। एंबुलेंस, शव वाहन सहित विशेष परिस्थिति में बीमार को आने-जाने की इजाजत मिल सकती है।
लोगों में आक्रोश :
नेपाल सरकार द्वारा एक सप्ताह पूर्व ही भारत से जुड़े तकरीबन 25 नेपाली बॉर्डर को खोलने की इजाजत दी थी। जिसमे रौतहट के गौर और बंकूल बॉर्डर भी शामिल था। शनिवार की सुबह से एकबारगी फिर से बॉर्डर को बंद कर दिए जाने से सीमांचल के लोग हैरत में हैं। उनमें आक्रोश भी है। बैरगनिया शहर में दस माह बाद लौटी रौनक तीन दिन बाद ही फीकी पड़ गई। कोविंड-19 महामारी को लेकर पिछले 24 मार्च से पूर्णत: बंद बैरगनिया इंडो-नेपाल बॉर्डर 3 फरवरी को खोल दिया गया था, परंतु तीन दिन बाद ही बैरियर गिरा दिया गया। लोगों का कहना है कि जब बॉर्डर को बंद ही करना था तो खोला क्यों गया। बॉर्डर फिर से बंद हो जाने से सीमांचल के लोगों में आक्रोश भर गया है।
सामाजिक-आॢथक स्थिति प्रभावित :
तीन फरवरी को बॉर्डर को खोल दिए जाने के बाद सीमांचल के हजारों लोगों की आवाजाही होने लगी थी। उधर, सीमाई क्षेत्र के लोग बॉर्डर बंद होने का खामियाजा भुगत रहे हैं। सामाजिक-आॢथक स्थिति प्रभावित है। नेपाल और भारत आम लोगों की फरियाद नहीं सुन रही है। न क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि इस समस्या की ओर बिहार व केंद्र सरकार से निदान का अनुरोध कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय भिट्ठामोड़ बॉर्डर के खुलने का लोग इंतजार ही कर रहे थे तब तक बैरगनिया को बंद भी कर दिया गया।

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