सोख्ता बनाते समय धंसना में दबे तीन मजदूर, एक की मौत

समस्तीपुर नगर थाना क्षेत्र में पेठियागाछी में बूढ़ी गंडक के किनारे ढाब में मकान निर्माण के पूर्व सोख्ता बनाने के क्रम में धंसना गिरने से दब कर एक मजदूर की मौत हो गई जबकि दो ने किसी तरह जान बचाई। हादसे की जानकारी मिलते ही शहर में सनसनी फैल गई, जिससे घटनास्थल पर हजारों लोगों की भीड़ जुट गई। बाद में आक्रोशित लोगों ने बाइपास सड़क को जाम कर आवागमन ठप कर दिया। इस दौरान गृह निर्माण वाले परिसर में स्थित एक झोपड़ी में आग लगा दी। सूचना पर पहुंची नगर थाने की पुलिस ने लोगों को समझा कर जाम समाप्त कराने के बाद धंसना में धंसे मजदूर को निकालने की कवायद शुरू की। जेसीबी और मजदूर की सहायता से करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद मृत मजदूर की लाश निकाली जा सकी।

मृतक की पहचान वारिसनगर थाने के सारी गांव निवासी मनोज राम के रूप में की गई है। पुलिस ने धंसना से लाश निकलवाने के बाद पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। सीओ धर्मेन्द्र पंडित ने बताया कि मृतक मजदूर के परिजन को सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
रिंग डालने के दौरान गिरा धंसना
बताया गया है कि पेठियागाछी में बांध किनारे एक मकान बनाया जा रहा है। मकान निर्माण के पूर्व सोख्ता बनाया जा रहा था। जिसे बनाने में आधा दर्जन मजदूर लगे हुए थे। दोपहर में करीब एक बजे अचानक सोख्ता के लिए खोदे गये गड्ढे में रिंग गिराने के दौरान धंसना धंस गया। जिससे तीन मजदूर गड्ढे में गिर गये। दो मजदूर तो किसी तरह उसी समय गड्ढे से निकलने में सफल रहे, लेकिन मनोज नहीं निकल सका। वह काफी नीचे जाकर मिट्टी में धंस चुका था।
समस्तीपुर-रोसड़ा पथ किया जाम
मजदूर के धंसना में गिरने की जानकारी मिलते ही शहर के लोगों की घटनास्थल पर भीड़ उमड़ गयी। बाद में लोगों ने बाइपास सड़क जाम कर दिया। इससे समस्तीपुर-रोसड़ा रोड में आवागमन ठप हो गया। वहीं कुछ लोगों ने घटनास्थल पर मकान बनने वाले परिसर में सामान रखने वाली झोपड़ी में आग लगा दी। जाम व आग लगाने की सूचना पर नगर थानाध्यक्ष अरुण राय पुलिस बल के साथ पहुंचे और किसी तरह लोगों को समझा कर जाम हटवाने के बाद धंसना में धंसे मजदूर को निकलवाने की कार्रवाई शुरू की। जाम से करीब एक घंटे तक आवागमन पूरी तरह बाधित रहा।
परिजन भी पहुंचे घटनास्थल पर
मनोज राम के धंसना में धंसने की जानकारी मिलते ही परिवार के लोग भी घटनास्थल पर पहुंच गये थे। सभी के रोने बिलखने से माहौल गमगीन हो गया था। मनोज की पत्नी व चार छोटे-छोटे बच्चे भी घटनास्थल पर पहुंच चुके थे। पत्नी व बच्चों को बिलखते देख दो महिला सिपाही के भी आंख से आंसू गिरने लगे।

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