पशुओं की टैगिग के बाद ही होगा टीकाकरण

बॉटम.......

सुविधा
- 8 लाख 32 हजार में से 5 लाख 75 हजार 345 पशुओं की हुई टैगिग
- पशुओं के ऑनलाइन खरीद-बिक्री करने में मिलेगी सुविधा
संवाद सूत्र, बांका : पशुपालकों को सभी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिले इसके लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए पशुओं की ईयर टैगिग को अनिवार्य कर दिया गया है। यहां सभी पशुओं में ईयर टैगिग नहीं होने से पशुपालकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
आधार कार्ड की तर्ज पर पशुओं का यूनिक आइडी बनाने के लिए कान में पशुओं को टैगिग किया जाना है। इसके तहत जिले में आठ लाख 32 हजार पशुओं का ईयर टैगिग किया जाना है। अभी तक पांच लाख 75 हजार 345 पशुओं की ही टैगिग हो पाई है। सरकार ने इसके लिए व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करने के बाद भी लक्ष्य प्राप्त करने में चिकित्साकर्मियों का पसीना छूट रहा है। टैगिग नहीं होने से पशुओं को खुरपका-मुंहपका एवं ब्रुरसेलोसिस जैसी गंभीर बीमारी से बचाव का टीकाकरण नहीं हो पा रहा है। ईयर टैग पशुओं के लिए आधार नंबर के समान होगा। इसके साथ ही एक हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। उस हेल्थ कार्ड में हर एक पशु के नाम से एक 12 अंक का यूनिक नंबर दर्ज रहेगा। इस यूनिक नंबर या टैग नंबर से किसानों की ऑनलाइन खरीद-बिक्री करने में भी मदद मिलेगी।
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कोट:
सभी पशुओं में ईयर टैगिग का कार्य पूर्ण होने के बाद ही टीकाकरण किया जाएगा। टैगिग के लिए व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इसके लिए पशुपालन विभाग के पदाधिकारी किसानों के बीच जाकर इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं।
डॉ. सुनील कुमार वर्मा, जिला पशुपालन पदाधिकारी

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