कश्मीर से कन्याकुमारी तक किसानों ने किया चक्का जाम

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 74 दिनों से आंदोलनरत किसानों ने शनिवार को चक्काजाम करके सरकार को संदेश दिया कि यह केवल एक राज्य का आंदोलन नहीं है। चक्काजाम से दोपहर 12 से अपराह्न 3 बजे के बीच कश्मीर से कन्याकुमारी तक मानो देश ठहर सा गया। चक्काजाम के दौरान किसानों ने एंबुलेंस समेत अन्य आवश्यक सेवाओं को बाधित नहीं होने दिया। जाम में फंसे यात्रियों को कई जगह आंदोलनकारियों ने पानी और खाने का सामान बांटा। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड को इस चक्काजाम कार्यक्रम से मुक्त रखा गया था।

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किसानों ने चक्का जाम के दौरान पूरे देश में राजमार्गों को बंद किया। पंजाब में संगरूर, बरनाला, बठिंडा समेत 15 जिलों के 33 जगहों पर सड़कें जाम की। बड़ी संख्या में महिलाएं-बच्चे भी सड़कों पर उतर आए और जाम लगा दिया। जम्मू में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर चक्का जाम किया। कर्नाटक के भी विभिन्न हिस्सों में किसानों ने चक्का जाम दिल्ली में आंदोलनरत किसानों को समर्थन दिया। तेलंगाना में भी बड़ी संख्या में किसान हैदराबाद के बाहर हाईवे को जाम किया। हालांकि बाद में पुलिस ने हाईवे पर बैठे किसानों को रास्ते से हटा दिया। पटना से भी किसानों के चक्काजाम से जुड़ी कई तस्वीरें सामने आईं हैं।
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हरियाणा में प्रदर्शनकारी किसानों ने पलवल हाइवे समेत कई अन्य राजमार्गों को जाम किया। तितरम मोड़ पर हजारों की संख्या में पहुंचे किसानों ने नेशनल हाइवे को जाम कर दिया। बच्चे, महिला और पुरुष पैदल, गाड़ियों और ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार होकर जाम स्थल पर पहुंचे। इस बीच अटवाल चौक पर पलवल-आगरा हाईवे पर जाम में फंसी एक एंबुलेंस को किसानों ने रास्ता बना कर बाहर निकाला। वहीं, किसानों ने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक आंदोलन जारी रहेगा किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि कितना ही लंबा समय लगे, प्रदर्शन जारी रहेगा। अगर सरकार यह समझती है कि लंबे समय के चलते आंदोलन कमजोर होगा तो सरकार की भूल है।
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चक्का जाम के दौरान किसानों ने सोनीपत पर ईस्टर्न पेरीफेरेल एक्सप्रेस वे बंद किया। किसानों ने अपने ट्रैक्टर और बड़े ट्रक लगाकर हाईवे को बंद किया। किसान 12 से 3 बजे तक मार्ग बंद रखा। सोनीपत में कुंडली बॉर्डर पर केजीपी-केएमपी पर जाम लगाया। एंबुलेंस और जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों को नहीं रोका। किसान संगठनों के आह्वान पर बुलाए गए चक्का जाम के दौरान किसानों ने जम्मू-पठानकोट हाईवे, अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे, शाहजहांपुर (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का चाम किया।
किसान आंदोलन : विरोध स्थलों पर फिर से इंटरनेट सर्विस अस्थायी रूप से सस्पेंड
हरियाणा-राजस्थान की सीमा के गांव मुंडाका से कुछ ही दूरी पर धरना दे रहे किसानों ने गुरुग्राम-अलवर हाईवे को रोका, जिसके चलते हरियाणा की ओर आने वाला यातायात रुक गया। हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर ट्रैफिक जाम में फंसे यात्रियों को स्थानीय लोगों और किसानों ने पानी और खाने की सामग्री बांटी। पंजाब समेत कई राज्यों के ट्रांसपोर्टरों में भी किसानों के चक्काजाम का समर्थन किया और पूरा सहयोग किया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों के चक्का जाम को पूर्ण सफल होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि आज चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किया गया। कहीं से कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है।
चक्का जाम से उत्साहित किसान मोर्चा ने किया साफ- वार्ता के लिए गेंद सरकार के पाले में ---दिल्ली में नहीं था चक्का जाम फिर भी कई गिरफ्तार चक्का जाम के मद्देनजर दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया था। करीब 50 हजार जवानों की अतिरिक्त तैनाती की गई थी और लाल किले को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। दिल्ली की सीमाओं पर खास तौर पर जहां किसानों के धरना स्थलों पर द्रोन कैमरों से निगरानी की गई। दिल्ली में चक्काजाम का कार्यक्रम नहीं होने के बाद भी तमाम लोग किसान आंदोलन के पक्ष में सड़कों पर उतर आए। शहीदी पार्क के पास जमा हुए इन प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों की संख्या 50 बजाई गई। बताया गया कि ये प्रदर्शनकारी किसानों के धरना स्थलों के आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवा सस्पेंड किए जाने, बाकी सुविधाएं हटाने और बेवजह परेशान किए जाने का विरोध कर रहे थे।---राहुल-प्रियंका समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने दिया समर्थन किसानों के चक्काजाम कार्यक्रम को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी समेत उनकी पार्टी के कई नेताओं ने समर्थन दिया। राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट किया-अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है-ये तीन कानून सिर्फ किसान-मजदूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं। पूर्ण समर्थन! प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया-क्यों डराते हो डर की दीवार से? वहीं कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि एक तरफ तो सरकार किसानों से वार्ता की बात कह रही है, दूसरी ओर पानी, बिजली काट रही है। किसानों को परेशान किया जा रहा है। एक लोकतंत्रिक सरकार ऐसा कैसे कर सकती है? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सुबह ही ट्वीट कर लोगों से किसानों के चक्का जाम में शामिल होने की अपील की। ---लुधियाना में भिंडरावाले के तस्वीर का झंडा लगाया पंजाब के लुधियाना से एक चौंकाने वाली तस्वीर आई। समाचार एजेंसी यूएनआई ने अपने एक ट्वीट में तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि किसानों के चक्का कार्यक्रम में लुधियाना शहर में एक ट्रैक्टर पर भिंडरावाले जैसे शख्स की तस्वीर वाला झंडा दिखाई दिया। पंजाब केसरी-नवोदय टाइम्स इस तस्वीर की पुष्टि नहीं करता। इस मामले में पूछे जाने पर भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ऐसा हुआ है तो गंभीर मामला है और इस बात करेंगे। जो चीज प्रतिबंधित है, उसे नहीं लगाना चाहिए।

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