इंटरनेट की दुनिया में भटक न जाएं बच्चे, मम्मी-पापा को सता रही चिता

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण काल में स्कूल बंद हैं और बच्चों की पढ़ाई के लिए आनलाइन क्लास चल रही हैं। इसलिए बच्चे इंटरनेट का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में बच्चे आनलाइन क्या कंटेंट देख रहे हैं, इसको लेकर अधिकांश अभिभावक चितित हैं। उन्हें डर सता रहा है कि बच्चों पर ध्यान नहीं दिया तो इंटरनेट की दुनिया में वे भटक सकते हैं। पिछले कुछ सालों में इंटरनेट पर बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध में बढ़ोत्तरी हुई है। इसको लेकर इंटरनेट सेफर डे पर विशेषज्ञों ने अभिभावकों को बच्चों पर ध्यान देने की सलाह दी है।

फरवरी के दूसरे सप्ताह के दूसरे दिन हर साल इंटरनेट सेफर डे मनाया जाता है। इस बार नौ फरवरी को (कल) यह दिन मनाया जाएगा। इस दिन को मनाने का उद्देश्य इंटरनेट का प्रयोग करने वाले यूजर्स को जागरूक करना है। इसकी शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी। मानसिक आरोग्यशाला के अधीक्षक डा. दिनेश राठौर का कहना है कि बच्चों का मन काफी चंचल होता है। वो हमेशा कुछ न कुछ नई खोज में रहते हैं। पहले उनके पास किताबें थीं, लेकिन अब उनके हाथ में मोबाइल और इंटरनेट है। इंटरनेट के माध्यम से पूरी दुनिया उनकी मुट्ठी में है, वो चाहे जो देख सकते हैं। कई बार जाने-अनजाने गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं। जब अभिभावकों को इस बारे में पता चलता है तो काफी देर हो चुकी होती है। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों की आनलाइन पढ़ाई के दौरान थोड़ा समय देने की जरूरत है। इससे बच्चों की पढ़ाई में सहायता भी होगी । इसके अलावा जब बच्चा एकांत में मोबाइल लेकर बैठा हो तो अभिभावकों को मोबाइल चेक करना चाहिए कि बच्चा क्या देख रहा है। साथ ही उनसे पूछना चाहिए कि आज क्या पढ़ा।
बच्चों पर रखें निगरानी:
आइटी एक्सपर्ट उपेंद्र अवस्थी का कहना है कि हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे इंटरनेट पर किन लोगों के संपर्क में हैं। बच्चों द्वारा विजिट की गई वेबसाइट को भी समय-समय पर चेक करते रहें। अगर आपको कुछ अजीब लगे तो बच्चों को इस बारे में प्यार से समझाएं। इसके अलावा बच्चों को स्मार्टफोन देने से पहले बच्चों के पसंदीदा एप्स और वेबसाइट के बारे में रिसर्च कर लें। उनकी आनलाइन एक्टिविटी पर भी नजर रखें। पैरेंटल कंट्रोल टूल्स का इस्तेमाल करें:
आइटी एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि बच्चों के के स्मार्टफोन, टैबलेट या कंप्यूटर पर क्या सर्च हो रहा है, यह देखने के लिए पैरेंटल कंट्रोल टूल का इस्तेमाल करना चाहिए। इस टूल के जरिए बच्चों के स्क्रीन टाइम हैबिट को भी कंट्रोल कर सकेंगे। पैरेंटल कंट्रोल के लिए टेलस्ट्रा मोबाइल प्रोटेक्ट टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक फ्री पैरेंटल कंट्रोल टूल है। एप्पल आइफोन यूज करने वाले अभिभावकों को तो आन डिवाइस कंट्रोल पैरेंटल के कई विकल्प मिलते हैं। इसके अलावा गूगल का एंड्रायड प्लस फैमिली लिक भी अच्छा पैरेंटल कंट्रोल आफर करता है।

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