आपत्तिजनक कंटेट की शिकायतों के बाद सरकार ने की OTT Platform के लिए गाइडलाइन्स तैयार

आज राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जाने वाले दृश्यों और इस्तेमाल की जाने वाली भाषा से जुड़ी कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। साथ ही इसके नियमन के बारे में सुझाव भी मिले हैं। इन सब चीजों को मद्देनजर रखते हुए केंद्र ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइन्स और डायरेक्शन तैयार किए हैं। जल्द ही इन्हें लागू कर दिया जाएगा। इससे पहले भाजपा सांसद महेश पोद्दार ने यह मुद्दा राज्यसभा में उठाया था। उन्होंने कहा पिछले साल जब कोविड-19 महामारी को बढ़ने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया उस वक्त इंटरनेट बेहद उपयोगी ऑनलाइन मंच के रूप में उभरकर आया था। वहीं मनोरंजन के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की लोगों तक पहुंच बढ़ी। लेकिन इसमें दिखाए जाने वाले दृश्य आपत्तिजनक होते हैं। देश का बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक वर्ग इसका विरोध कर रहा है। ओटीटी प्लेटफाॅर्म्स पर उपलब्ध सामग्री द्वारा भारतीय सामाजिक मूल्यों पर आघात पहुंचा रहा है।

फूहड़ भाषा के इस्तेमाल की वजह से इसका नियमन जरूरी
उन्होंने कहा, ओटीटी प्लेटफॉर्म में उपलब्ध कंटेंट में सेक्सुअल डिस्क्रिमिनेशन और जेंडर डिस्क्रिमिनेशन साफ झलकता है। इन प्लेटफॉर्म्स के माध्यमों पर महिलाओं के बारे में अश्लील शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक तरफ तो हम अपने आपको स्त्रियों की स्मिता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध बताते हैं और दूसरी तरह इस तरह के अश्लील कंटेंट और फूहड़ भाषा का इस्तेमाल हो रहा है। यही वजह है कि इस मंच का नियमन करना जरूरी है।

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