दिल्ली सरकार ने पैसों की कमी का हवाला देते हुए हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की थी याचिका

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के निजी स्कूलों के गरीब छात्रों को ऑनलाइन क्लास के लिए साधन उपलब्ध करवाने के आदेश पर रोक लगा दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि स्कूल बच्चों को लैपटॉप या टैबलेट और इंटरनेट कनेक्शन दे और सरकार से उसके पैसे वसूले।

दिल्ली सरकार ने पैसों की कमी का हवाला देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने 18 सितम्बर 2020 को दिल्ली के निजी स्कूलों और सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया था कि वे ऑनलाइन क्लास के लिए आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए लैपटॉप, मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराएं।
जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसके लिए तीन सदस्यी कमेटी के गठन का आदेश दिया था जो आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों की पहचान कर उन्हें लैपटॉप और मोबाइल उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में तेजी लाएगी।
हाईकोर्ट ने कहा था कि तीन सदस्यी कमेटी में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और स्कूल एसोसिएशन कमेटी का एक सदस्य शामिल होगा। कोर्ट ने कहा था कि आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को लैपटॉप और मोबाइल के साथ-साथ इंटनेट पैक निजी और सरकारी स्कूलों की ओर से मुफ्त में उपलब्ध कराया जाए। कोर्ट ने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों के पास मोबाइल, लैपटॉप न होने के कारण महीनों से उनकी पढ़ाई रुकी हुई है।

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