डेटा लीक विवाद के बीच भारतीय यूजर्स को लुभा रहा ट्विटर का प्रतिद्वंद्वी कू

नई दिल्ली, 11 फरवरी । होमग्रोन, वर्नाक्युलर माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू, जो ट्विटर छोड़ने की चाहत रखने वाले उपयोगकर्ताओं के एक वर्ग के बीच पसंदीदा प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है, ने डेटा लीक विवाद और चीनी निवेश सहित कई विवादों के बीच अपनी पैठ बनाई है।

ये मुद्दे ऐसे समय में सामने आए हैं, जब यह प्लेटफॉर्म अपने सिस्टम को उपयोगकर्ताओं के बीच आमने-सामने की स्थिति बनने से रोकने की कोशिश कर रहा है।
डेटा लीक मुद्दे पर एक फ्रांसीसी सुरक्षा शोधकर्ता के निष्कर्ष ने इस प्लेटफॉर्म को हिला दिया। शोधकर्ता इलियट एल्डरसन ने गुरुवार को दावा किया कि यह प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ता के डेटा को लीक कर रहा था, जैसे जन्मतिथि, वैवाहिक स्थिति वगैरह।
एल्डर्सन ने कहा, आपने ऐसा किया तो मैंने ऐसा किया। मैंने इस नए कू एप पर 30 मिनट बिताए। एप उनके उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा को लीक कर रहा है : ईमेल, डीओबी, नाम, वैवाहिक स्थिति, लिंग वगैरह। उन्होंने एक उपयोगकर्ता डेटा का स्क्रीन शॉट भी पोस्ट की थी।
कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि कोई डेटा लीक हुआ था।
राधाकृष्ण ने एक ट्वीट में कहा, डेटा लीक के बारे में कुछ बातें अनावश्यक रूप से बोली जा रही हैं। कृपया इसे पढ़ें : दिखाई देने वाला डेटा कुछ ऐसा है, जिसे उपयोगकर्ता ने स्वेच्छा से कू पर अपनी प्रोफाइल में दिखाया है। इसे डेटा लीक नहीं कहा जा सकता। यदि आप किसी उपयोगकर्ता की प्रोफाइल पर जाते हैं तो आप इसे देख सकते हैं।
एल्डर्सन, जो पहले आधार प्लेटफॉर्म और आरोग्य सेतु ऐप में कथित खामियां बता चुके हैं, ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा, अपडेट : कू के संस्थापक ने लीक वाली टिप्पणी की। यह झूठ है। मैंने ट्वीट करने से पहले इस बिंदु की जांच की और यह सच नहीं था।
एक और विवाद जो इस प्लेटफॉर्म से टकराया है, वह है चीन से निवेश का मुद्दा, क्योंकि प्लेटफॉर्म खुद को आत्मनिर्भर एप के रूप में पेश करता है। हालांकि, कू के सीईओ ने स्पष्ट किया कि चीनी निवेशक, जिसने पहले ब्रांड वोकल में निवेश किया था, इससे बाहर हो रहा है।
राधाकृष्ण ने कहा, कू भारतीय संस्थापकों की भारत में पंजीकृत एक कंपनी है। इसने 2.5 साल पहले की पूंजी जुटाई थी।
कू ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की कि उसने अपनी सीरीज ए फंडिंग के हिस्से के रूप में 41 लाख डॉलर जुटाए हैं।
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