Coronavirus का दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट भारत में युवाओं के लिए खतरनाक, UK म्यूटेशन से ज्यादा संक्रामक

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से हुई तबाही के बाद अब देश के सामने एक नई मुश्किल आकर खड़ी हो गई है. सरकार ने मंगलवार को बताया देश में कोविड-19 (Covid-19) के दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट (South African Variant) के चार मामलों का पता चला है. वहीं एक व्यक्ति में कोरोना के ब्राजीलियाई वैरिएंट मिले हैं. एक ओर पूरे देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है वहीं ऐसे वैरिएंट का मिलना चिंता पैदा कर रहा है.

ये वैरिएंट कोविड-19 वायरस का एक म्यूटेशन है, जिसे दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. दक्षिण अफ्रीका में इस वैरिएंट का पता दिसंबर में चला था. अफ्रीका में पाया गया ये वैरिएंट UK म्यूटेशन जैसा ही है, जिससे भारत अभी भी लड़ रहा है. दक्षिण अफ्रीकी का ये स्ट्रेन (501Y.V2) UK वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है और ये युवाओं के लिए ज्यादा खतरनाक और जानलेवा है. हालांकि वैज्ञानिकों को ऐसे सबूत अभी तक नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि यह वैरिएंट पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक है या जानलेवा है. कहा जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीकी में सामने आया ये वैरिएंट यूके वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक है.
अफ्रीकी वैरिएंट के खिलाफ कोरोना वैक्सीन प्रभावी?
अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या भारत में इस वैरिएंट के खिलाफ कोरोना वैक्सीन प्रभावी हैं? भारत बायोटेक ने एक प्री-प्रिंट स्टडी में कहा था कि कोवैक्सीन यूके वैरिएंट के खिलाफ लड़ने की क्षमता रखता है. हालांकि दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट के खिलाफ ये वैक्सीन कितनी प्रभावशाली है, इसको लेकर अभी तक टेस्ट नहीं किए गए हैं.
इस बीच दक्षिण अफ्रीका सरकार ने कहा कि कोविशिल्ड वैक्सीन में इस वैरिएंट के खिलाफ लड़ने के लिए सीमित क्षमता है. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका सरकार ने भारत की ओर से दी जाने वाली इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी.
अफ्रीकी वैरिएंट का भारत पर प्रभाव
वहीं अफ्रीकी वैरिएंट के भारत पर पड़ने वाले प्रभावों की बात करें तो कहा जा रहा है कि अभी ये वैरिएंट भारत के लिए चिंता का कारण नहीं है. क्योंकि भारत में इसके अभी तक केवल चार मामले दर्ज किए गए हैं. हालांकि अगर देश में दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन के प्रसार को होने से रोका नहीं गया तो यह वैरिएंट भारत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
वहीं आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि भारत में बाहर से लौटे चार लोगों के कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. संक्रमितों में से दो लोग दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे जबकि एक-एक व्यक्ति अंगोला और तंजानिया से आए थे. उन्होंने कहा कि 'आईसीएमआर-एनआईवी' इन चार संक्रमित लोगों के सैंपल से दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट को अलग करने और अन्य जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है.
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