सरकारी सेवकों के वेतन वृद्धि रोकने वाले दंड को ले जारी हुए निर्देश

मधुबनी। सरकारी सेवकों के विरुद्ध संचयात्मक या असंचयात्मक प्रभाव से वेतनवृद्धि या वेतन वृद्धियां रोके जाने से संबंधित दंड के कार्यान्वयन के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है। गौरतलब है कि किसी सरकारी सेवक के विरुद्ध एक से अधिक भिन्न मामलों में अधिरोपित संचयात्मक या असंचयात्मक प्रभाव से वेतनवृद्धि या वेतनवृद्धियां रोके जाने के दंडों का प्रभाव साथ-साथ होगा या प्रथम दंड की अवधि समाप्त के बाद दूसरे दंड का अवधि प्रारंभ होगा, इस मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं था। बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 में भी उक्त मामले के संबंध में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया था। जिस कारण इस मामले में स्थिति स्पष्ट करना विभाग के अधीन विचाराधीन था। लेकिन अब उक्त मामले में विभाग ने स्थिति पूरी तरह साफ कर दिया है। किसी सरकारी सेवक के विरुद्ध एक से अधिक भिन्न मामलों में संचयात्मक या असंचयात्मक प्रभाव से वेतनवृद्धि या वेतनवृद्धियां रोके जाने के दंड के प्रभाव के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने जिला पदाधिकारी, प्रमंडलीय आयुक्त समेत सभी विभागों एवं पुलिस महानिदेशक को पत्र भेज दिया है। विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी सरकारी सेवक को एक से अधिक भिन्न मामलों में संचयात्मक या असंचयात्मक प्रभाव से वेतनवृद्धि या वेतनवृद्धियां रोके जाने का दंड दिए जाने की स्थिति में सर्वप्रथम पहले दंडादेश का प्रभाव दंडादेश में निर्धारित अवधि तक रहेगा। इसके बाद अधिरोपित दंड के अनुरुप अनुमान्य वेतनवृद्धि देते हुए संबंधित सरकारी सेवक का वेतन उत्क्रमित किया जाएगा। फिर अगले दंडादेश का प्रभाव प्रारंभ होगा। इस प्रावधान का ²ढ़ता से अनुपालन करने का निर्देश विभाग ने दिया है।



शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार