कॉलेजों में नहीं मिल रहा खर्च का हिसाब, यूजीसी ने शुरू की कार्रवाई

मधेपुरा। बीएन मंडल विवि अंतर्गत कॉलेजों में खर्च का हिसाब किताब नहीं मिल रहा है। यूजीसी की ओर से 11 वीं व 12 वीं योजना के तहत निर्गत राशि की उपयोगिता ससमय जमा नहीं किए जाने पर पटना उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया है। उच्च न्यायालय ने यूजीसी को निर्देश जारी किया है कि बिहार के तमाम कॉलेजों में कितनी राशि अनुदान के रूप में भेजी गई, कितने का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ व आज की तिथि में कितनी राशियां अप्रयुक्त अवशिष्ट हैं। यूजीसी ने इन कॉलेजों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने, ब्लैक लिस्ट करने तथा यूजीसी के 12 बी दर्जे की सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताया जाता है कि यूजीसी बिहार के सभी कॉलेजों को पंचवर्षीय योजना के तहत विभिन्न स्तरों के विकास के लिए अनुदान निर्गत करती है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012) एवं बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017) में अविभाजित बीएनएमयू के 41 कॉलेजों को अनुदान राशि दी गई थी। कॉलेजों ने ससमय अनुदान का उपयोग नहीं किया और अगर किया भी तो यूजीसी को उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया। इसको लेकर वेटेरेंस फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ नामक गैर सरकारी संगठन ने पटना उच्च न्यायालय में बिहार सरकार को प्रतिवादी बनाते हुए एक याचिका सीडब्ल्यूजेसी 34/2018 दायर किया था। यूजीसी की कार्रवाई से मचा हड़कंप, विवि ने बुलाई बैठक


यूजीसी की कार्रवाई से विवि अंतर्गत कॉलेजों में हड़कंप मच गया है। इधर, बीएनएमयू के केंद्रीय पुस्तकालय सभागार में विवि क्षेत्राधीन संबद्ध और अंगीभूत कॉलेजों के प्रधानाचार्यों की आवश्यक बैठक कुलपति प्रो. डॉ. आरकेपी रमण की अध्यक्षता में बुलाई गई। कुलपति ने कहा कि प्रधानाचार्यों को शैक्षिक, प्रशासनिक व वित्तीय दायित्वों का निर्वहन करना होता है। हम अपने दायित्वों का अनुपालन नहीं करते हैं तो मामला संगीन बनता है। बैठक में उन्होंने कहा कि 11 वीं व 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान यूजीसी ओर से विवि और महाविद्यालयों को अनुदान निर्गत किया गया था। लेकिन अब तक अधिकांश महाविद्यालयों के द्वारा यूजीसी को उपयोगिता प्रमाण-पत्र नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि विवि के संबंधित कॉलेजों से खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र अविलंब जमा करें। उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमा नहीं करने वाले कॉलेजों पर हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यूजीसी की ओर से गठित त्रिसदस्यीय कमेटी की 13 मार्च को भागलपुर में आयोजित समीक्षा बैठक में उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमा किया जाना है। जहां सभी प्राचार्यों को यूजीसी मद से प्राप्त राशि के खर्च का ब्यौरा उपलब्ध करवाना है। बैठक में प्रतिकुलपति डॉ. आभा सिंह, कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद, वित्तीय परामर्शी सुरेश चंद्र दास और सभी कॉलेज के प्राचार्य व प्रतिनिधि मौजूद थे।
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