दूसरे दिन भी गांव में छाया रहा मातम, जगह जगह हो रही थी घटना की चर्चा

-हाट - बाजारों में भी लोग घटना को लेकर कर रहे थे चर्चा

- बौंसी थाना हाजत में रविवार की सुबह युवक की हुई थी मौत
- सीसीटीवी फुटेज पर लोगों को नहीं हो रहा है विश्वास
जागरण संवाददाता, अररिया :
बौंसी थाना के हाजत में रविवार को महसेली गांव निवासी आरोपित इमरान हाजत में मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर दूसरे दिन सोमवार को भी थाना क्षेत्र के आसपास गांव व मृतक के पैतृक गांव महसेली में मातम छाया रहा। लोग मृतक के घर जाकर स्वजनों को सांत्वना रहे थे। गांव में जगह जगह पर हर कोई इसी घटना पर चर्चा करते दिखा। किसी को भी हाजत में रॉड से चादर बांध कर फांसी लगाकर मरने की बातों पर यकीन नहीं हो रहा था। यहां तक की उन्हें सीसीटीवी पर भी यकीन नहीं है। लोगों को कहना था कि कोई व्यक्ति चार से पांच फिट की ऊंचाई से कैसे लटक सकता है। जब रूह निकलने लगती है, तो बहुत कष्ट होता है। खुद से मरने वाला व्यक्ति दम निकलते समय खुद को बचाने की कोशिश करता है। परंतु सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिख रहा है कि इमरान अपने को जरा भी बचाने की कोशिश नहीं किया। वह अपने पैर को पूरी तरह मोड़ लिया था। अंतिम समय में भी यदि इमरान अपने को बचाने की कोशिश करता तो बच सकता है। ग्रामीणों का यह भी कहना था कि आरोपित पुलिस कर्मियों द्वारा कोई खौफ साजिश तो नहीं रची गई थी? हालांकि इस घटना की जांच का जिम्मा जुडिशियल मजिस्ट्रेट द्वारा कराई जा रही है। जांच के बाद पानी का पानी और दूध का दूध साफ हो जाएगा।
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हाट बाजारों में भी हो रही चर्चा :
बौंसी थाना क्षेत्र के मोहनी, मिर्जापुर, बसैटी, घघरी, रजोखर बाजार आदि पर दिन भर दुकानदारों व लागों के बीच इसी घटना पर चर्चा हो रही थी। हर कोई यह जानने की कोशिश कर रहा था कि आखिर इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई। सीसीटीवी कैमरे लगे रहने के बावजूद कोई भी व्यक्ति हाजत में खुद को फांसी कैसे लगा सकता है। ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी क्या कर रहे थे। जबकि 24 घंटे के लिए अलग अलग पुलिस अधिकारी व जवानों को ड्यूटी पर लगाया जाता है। लोगों में पुलिस की लापरवाही की घोर निदा हो रही थी। रजोखर बाजार के नुरुल ने बताया कि हाजत में मौत की खबर सुनकर हैरत हो रही है। पुलिस की लापरवाही के चलते एक व्यक्ति की जान चली गई। वहीं मो. इर्शाद का कहना था कि हर बिदुओं पर जांच होनी चाहिए। जिस तरह पुलिस अप्राथमिक अभियुक्त को गिरफ्तार करने में जल्दी दिखाती है यदि इसी तरह अन्य मामाले में गंभीरता से ले तो कभी भी पुलिस की छवि खराब नहीं होगी। लेकिन ऐसा नहीं होता है। जबकि मोहनी गांव के मो. रज्जाक ने बताया कि कुछ पुलिस वालों के चलते पूरे पुलिस मोहकमा बदनाम होता है। बौंसी पुलिस को अपनी छवि सुधारने की जरूरत है।
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