चोरी की घटनाओं में साल दर साल हो रही बढ़ोतरी

सुपौल। आपराधिक मामलों के ²ष्टिकोण से सुपौल की गिनती शांत जिले में की जाती है। लेकिन शातिर चोरों की वजह से यहां के लोगों की नींद उड़ी हुई है। स्थिति यह है कि आये दिन चोर किसी घर अथवा वाहन पर हाथ साफ कर जाते हैं। छह सालों के आपराधिक आंकड़ों पर गौर करें तो यह साफ हो जाएगा कि सुपौल जिले में चोरी की घटना में साल दर साल बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। यह बात नहीं है कि पुलिस चोरी की घटना को गंभीरता से नहीं ले रही है। चोरी की घटना के प्रति पुलिस की गंभीरता का ही नतीजा है कि इस जिले में चोरी की घटना को अंजाम देने वाले तीन शातिर चोर पूर्णिया से गिरफ्तार हुए और चोरी के कई सामान भी बरामद हुए। बावजूद इसके चोरी की घटना पर विराम नहीं लग पाया है। दरअसल इस जिले में स्थानीय चोर गिरोह के अलावा दूसरे जिले के चोर गिरोह काफी सक्रिय हैं। ये चोर गिरोह दिन में रेकी करते हैं और रात को घटना को अंजाम देते हैं। चोरी की घटना एक तरह से पुलिस के लिए चुनौती है। ---------------------------------------------------- साइकिल से होने लगी गश्ती चोरी, सेंधमारी के साथ-साथ अन्य अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक द्वारा पिछले साल दिसंबर में जिले के सभी शहरी क्षेत्र में बीट गश्ती दल को तैनात करने का निर्णय लिया गया था। इसके तहत जिले में 20 बीट बनाए गए। हर बीट में दो सिपाही थे। बीट गश्ती दल में 40 पुलिस कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। बीट गश्ती दल को साइकिल, टॉर्च, लाठी व पिस्तौल मुहैया कराया गया। ये गश्ती दल साइकिल से शहर के गली-मोहल्ले में गश्ती करने भी लगे। उक्त गश्ती के अलावा थाने की गश्ती सभी सीनियर पदाधिकारियों को अलग से नियमित गश्ती करने का निर्देश दिया। बावजूद इस सब के चोरी की घटना को लगाम नहीं लग पाई। -------------------------------------------------- पब्लिक भी कर रही गश्ती चोरी की घटना में हो रही बढ़ोतरी का नतीजा है कि अब पुलिस के अलावा पब्लिक भी गश्ती करने लगी हैं। इस साल के जनवरी में जिले के करजाईन बाजार में चोरी की घटना से आजिज आकर पुलिस के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने भी सुरक्षा के मद्देनजर मोर्चा संभाल लिया। रात में 40-50 की संख्या में व्यापार संघ के सदस्य व नवयुवक गश्ती कर आम लोगों को सतर्क करते हैं। ये सभी अलग-अलग टोली बनाकर रात में गश्ती करते हैं। करजाईन बाजार के लोगों का मानना है कि पुलिस के अलावा पब्लिक की गश्ती के चलते चोरी व सेंधमारी की घटना में कमी आई है। -------------------------------------------------------- छह सालों की चोरी का आंकड़ा


वर्ष चोरी 2015- 218 2016- 252 2017- 313 2018- 314 2019- 347 2020- 393
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