खेतों तक नहीं पहुंची बिजली, किसान परेशान

-किसानों को पंपसेट से करनी पड़ रही महंगी सिचाई

-सिचाई में लागत अधिक पड़ने पर नहीं होता उचित मुनाफा संवाद सूत्र, करजाईन बाजार (सुपौल): रतनपुर एवं बायसी पंचायत होकर गुजरने वाली मधेपुरा उपशाखा नहर से पूरब एवं दीनबंधी पंचायत के चौहदी गांव से पश्चिम स्थित पूर्वी पलार पर खेतों तक आज तक बिजली लाइन नहीं पहुंचने से किसानों को भारी परेशानी हो रही है। ऐसी स्थिति में किसानों को अपनी खेती के लिए निजी नलकूप या मानसून पर ही निर्भर रहना पड़ता है या दो किलोमीटर दूर से बिजली का तार खींचकर खेतों तक लाना पड़ता है। इसके बाद बिजली चलित मोटर से खेतों की सिचाई हो पाती है। ऐसे में किसानों को हर सीजन में फसलें खराब होने का खतरा बना रहता है। हैरानी की बात तो यह है कि आसपास के इलाकों में खेतों तक बिजली पहुंचा दी गई है, लेकिन इस क्षेत्र के किसान अपने खेतों तक बिजली के लिए टकटकी लगाए हुए हैं। बिजली के चलते सिचाई सुविधा न होने के कारण किसानों को फसलों का उत्पादन भी नहीं मिलता है। किसान शिवनारायण मेहता, गोपाल झा, प्रमोद यादव, अमर यादव, छोटकेन शर्मा, हरिकिशुन शर्मा, सत्यनारायण पासवान, रामू मंडल आदि ने बताया कि पूर्वी पलार पर बिजली नहीं पहुंचने से किसानों को सिचाई में भारी परेशानी होती है। निजी पंपसेट से महंगे दामों में सिचाई करना पड़ता है या दो किलोमीटर से अधिक दूरी से बिजली लाकर मोटर चलाना पड़ता है लेकिन इसमें निगरानी नहीं रहने पर तार काटकर चोरी कर ली जाती है। किसानों ने बताया कि पूर्वी पलार क्षेत्र में केला एवं मकई की खेती बड़े पैमाने पर होती है। केला एवं मकई की खेती में पानी की अधिक जरूरत पड़ती है। ऐसे में यहां अगर बिजली पहुंचा दी जाती है तो किसानों को खासी सुविधा होगी। रतनपुर मुखिया संजीव कुमार मेहता उर्फ मंटू एवं बायसी मुखिया लाजवंती रुपम ने बिजली विभाग के अधिकारियों से किसान हित में अविलंब पूर्वी पलार तक बिजली पहुंचाने की मांग की है।
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