ध्यनार्थ: दो भाइयों सहित तीन लोगों को एडीजे तृतीय ने सुनाई सजा

संसू, अररिया: फारबिसगंज थाना क्षेत्र के चौरा परवाहा गांव में करीब बीस साल पहले मारपीट एवं हत्या का असफल प्रयास के लंबित मामले में अररिया के एडीजे तृतीय अभिषेक कुमार दास की अदालत ने फैसला सुनाया है। इस मामले में बुधवार को उक्त अदालत ने सजा की बिदु पर सुनवाई पूरी की तथा एक ही परिवार के तीन लोगों के खिलाफ आरोप प्रमाणित पाया। अदालत ने इस मामले में हत्या के असफल प्रयास के मामले में सिद्धदोष आरोपित बने बीरेंद्र साह को पांच साल का साधारण कारावास सहित दो हजार रुपए आर्थिक दंड लगाया है तथा जुर्माना नहीं भरने पर उसे तीन महीने का अतिरिक्त सजा भी काटना होगा। वहीं अदालत ने मारपीट का आरोप प्रमाणित होने पर सुरेंद्र साह एवं श्रवण साह नामक दो भाइयों को दो महीनों का कैद सहित जुर्माना भरने का फैसला सुनाया है। घटना 27 नवंबर1999 की है। घटना तिथि को फारबिसगंज थाना क्षेत्र के चौरा परवाहा गांव में सूचक बने मुरली प्रताप साह के दरवाजे पर आकर आरोपितों ने उत्पाद मचाया। इस घटना में तेजधार हथियार से सूचक को जान मारने का असफल प्रयास किया गया। इस मामले में फारबिसगंज थाना कांड संख्या- 397/1999 दर्ज कराया गया। श्री दास की अदालत ने सत्रवाद संख्या-584 /02 के इस मामले में सुनवाई पूरी की। सरकार की ओर से एपीपी अब्दुल मन्नान ने भाग लिया।

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दोनों पक्षों के सुनने के बाद अदालत ने हत्या के असफल प्रयास के सिद्ध दोष आरोपित बने 44 वर्षीय बीरेंद्र साह को पांच साल का साधारण कैद सहित दो हजार रुपए जुर्माना भरने का फैसला सुनाया तथा जुर्माना नहीं भरने पर उसे तीन महीने का अतिरिक्त कैद की सजा काटनी होगी। जबकि अदालत ने मारपीट आदि के आरोप प्रमाणित होने पर महाबीर साह के पुत्र सुरेंद्र साह एवं श्रवण साह को भादवि की धारा 447 में दो सौ रुपए जुर्माना तथा जुर्माना नहीं भरने पर तीन दिनों का कैद तथा धारा-323 में दो महीने का कैद की सजा काटने का फैसला सुनाया है।
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