कैच अप कोर्स से होगी बच्चों के नुकसान की भरपाई

- आठ से 20 मार्च तक चलेगा विशेष नामांकन अभियान

- अनामांकित व ड्रॉप आउट बच्चों को विद्यालय से जोड़ा जाएगा
- डीईओ ने सभी सीआरसीसी को दिया कई दिशा निर्देश
- कई विभागों के अधिकारियों व कर्मियों व समाजसेवियों से ली जाएगी मदद
जागरण संवाददाता, अररिया : कोरोना संक्रमण ने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लगा दिया। करीब सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्था बंद थे। बच्चों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। अब विभाग बच्चों के नुकसान की भरपाई के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। सरकारी स्कूलों पर पढ़ने वाले बच्चों के नुकसान की भरपाई के लिए कैच अप कोर्स शुरू किया जाएगा। इससे पहले विशेष नामांकन अभियान चलाकर बच्चों को स्कूलों से जोड़ा जाएगा। विशेष नामांकन अभियान आठ से 20 मार्च तक चलेगा। इस विशेष अभियान को भव्य तरीके से आयोजित की जाएगी। अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मियों व शिक्षकों के अलावे, बाल विकास परियोजना, जीवीका, समाजसेवियों सहित अन्य विभागों के अधिकारियों व कम्रियों से मदद ली जाएगी।
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- अभियान का उद्देश्य :
विशेष नामांकन अभियान का मुख्य मकसद ऐसे बच्चे जो कोरोनाकाल में स्कूल से दूर हो गए, जिन्होंने पढ़ाई छोड़ दी, किसी भी विद्यालय में नामांकन नहीं है या उनके अभिभावक पहले दूसरे प्रदेश में रहते थे जो अब अपने गांव में रहते हैं उन बच्चों को विद्यालय से जोड़ना है। पोषक क्षेत्र में कोई भी बच्चा अनामांकित नहीं रहे। उन बच्चों को विद्यालय में नामांकन कराना है। इस कार्य में बीआरपी, सीआरसीसी, तालीमी मरकज, टोला सेवक आदि की भूमिका अहम होगी।
विद्यालय स्तर से चलेगा अभियान :
यह अभियान प्रखंड, संकुल, विद्यालय स्तर पर चलाया जाएगा। अभियान की शुरूआत प्रभातफेरी से शुरू होगी। टोले मुहल्ले में संपर्क अभियान चलाया जाएगा। अभिभावकों व समाजसेवियों, प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी। बैनर पोस्टर, सोशल मीडिया, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम प्रचार प्रसार किया जाएगा।
- तीन माह का होगा विशेष क्लासेस :
कोरोना संकट की वजह से लम्बे समय तक स्कूल बंदी और बच्चों के करियर को देखते विभाग ने पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई के लिए तीन माह की कैच-अप क्लास आयोजित करने का फैसला लिया है। इन कक्षाओं में स्टूडेंट्स को बेसिक व जरूरी टॉपिक्स पढ़ाए जाएंगे ताकि अगली कक्षा के कोर्स की पढ़ाई के दौरान उन्हें कोई दिक्कत न आए। इन कक्षाओं से उन स्डूडेंट्स को खासा लाभ होगा जो टीवी, इंटरनेट, स्मार्टफोन के अभाव के चलते ऑनलाइन क्लास में हिस्सा नहीं ले सके थे। विशेष नामांकन अभियान के बाद कैच अप कोर्स क्लासेस शुरू की जाएगी। पहले बच्चों को विशेष नामांकन अभियान के माध्यम विद्यालय से जोड़ा जाएगा। यह अभियान कक्षा एक से आठ तथा नौवीं के बच्चों के लिए चलाया जाना है।
लंबे अर्से के बाद खुले विद्यालय: कोरोना महामारी के कारण दस माह बाद कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाओं के लिए विद्यालय आठ फरवरी से ही खुले थे, जबकि कक्षा एक से पांच के बच्चों के लिए भी एक मार्च से विद्यालय खुल गए हैं।
नहीं हुई थी परीक्षा :
कोरोना संकट की वजह से शैक्षिक सत्र 2019-20 में भी वार्षिक परीक्षा नहीं ली जा सकी थी और दसवीं, 12वीं को छोड़कर अन्य सभी कक्षाओं के बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने का निर्देश दिया था। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने 13 मार्च 2020 को ही राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दे दिया था। बच्चे अगली कक्षा में प्रोन्नत तो हो गए लेकिन उनकी पढ़ाई आरंभ नहीं हो सकी। कई महीने बाद किताबें पाठ्य पुस्तक निगम की साइट पर अपलोड की जा सकीं। अलबत्ता दूरदर्शन पर कक्षाएं चलाकर शिक्षा विभाग और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने बच्चों को शिक्षण से जोड़े रखने की कोशिश जरूर की गई थी। परंतु पिछड़ा जिला होने के चलते यहां के अधिकांश बच्चे आधुनिक तकनीक का उपयोग नहीं कर सके थे।
कोट - आठ से 20 मार्च तक विशेष नामांकन अभियान चलाया जाएगा। अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। कोरोना संकट के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई। इसकी भरपाई के लिए कैच अप कोर्स चलाया जाएगा। अभियान को सफल बनाने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है।
राज कुमार,डीईओ अररिया ।
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