अवैध कारतूस के कारोबार में विशाल गन हाउस का लाइसेंस होगा रद

पूर्णिया। पूर्णिया में लाइसेंसी हथियारों के लिए कारतूस के अवैध कारोबार मामले में विशाल गन हाउस पर कार्रवाई होगी। मामला पकड़ में आने के बाद लाइसेंसी हथियारों एवं कारतूस के विक्रेता मेसर्स विशाल गन हाउस के प्रोपराइटर इंद्रजीत कुमार के खिलाफ के. हाट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पर्यवेक्षण के दौरान आरोप को सही पाते हुए सदर पुलिस उपाधीक्षक ने प्रोपराइटर के हथियारों के लाइसेंस रद करने के अलावा विशाल गन हाउस दुकान की लाइसेंस रद करने का प्रस्ताव भेजने का भी निर्देश इस मामले के जांचकर्ता को दिया है।


पुलिस जांच में यह बात सामने आई की विशाल गन हाउस के प्रोपराइटर इंद्रजीत कुमार ने अपने खुद को लाइसेंसी हथियार राइफल के नाम पर एक साल के कोटे से एक सौ ज्यादा कारतूस एवं पिस्तौल के 45 कारतूस का उठाव किया। गन हाउस से इस तरह से खुद के हथियार के नाम पर ज्यादा कारतूस के उठाव को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को अब इस बात की भी जांच का निर्देश दिया गया है की कहीं अवैध तरीके से यहां से कारतूस की खेप अपराधियों को तो नहीं भेजी जा रही थी।
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विशेष शाखा के पत्र के बाद पकड़ में आया था मामला
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कारतूस के अवैध कारोबार का मामला तब पकड़ में आया जब विशेष शाखा के पुलिस अधीक्षक ने अपने पत्रांक 6832(4) 14 दिसंबर 2020 को पूर्णिया जिला प्रशासन को पत्र लिखा था। इसमें बताया गया था कि नगरपालिका बाजार स्थित मेसर्स विशाल गन हाउस द्वारा क्षमता से अधिक कारतूस का कारोबार किया जा रहा है। इसके बाद इस मामले की जांच के लिए जिलाधिकारी राहुल कुमार ने 25 दिसंबर 2020 को चार सदस्यीय टीम का गठन किया। जांच टीम ने उजागर किया कि मेसर्स विशाल गन हाउस के प्रोपराइटर इंद्रजीत कुमार ने खुद अपने निजी लाइसेंसी हथियार के लिए अपनी दुकान से क्षमता से अधिक कारतूस का उठाव किया हुआ है। अनुज्ञप्ति पुस्तिका में उस कारतूस का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। यह आयुद्ध नियम 2016के नियम 23(1) का उल्लंघन माना गया। इस मामले में शस्त्र दंडाधिकारी के लिखित शिकायत पर के हाट पुलिस ने थाना कांड संख्या 97-21 धारा 188, 420,25(1बी)एवं 26(1) के तहत मामला दर्ज किया।
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जांच के लिए मुंगेर सहित कई शहरों में भेजी गई टीम
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कारतूस मामले की जांच के लिए मुंगेर और कटिहार सहित कई शहरों में जांच टीम भेजी गई। इस टीम ने उन आंकड़ों को जुटाया जहां से मेसर्स विशाल गन हाउस द्वारा अपने प्रतिष्ठान के नाम पर कारतूस का उठाव किया गया। इसमें सबसे अधिक कारतूस की खरीददारी मुंगेर के गन हाउस से की गई है। अब जांच टीम ने राज्य मुख्यालय से इस बात की जानकारी मांगी है कि एक गन हाउस को कितने कारतूस की बिक्री का लाइसेंस एक साल के लिए दिया जा सकता है और विशाल गन हाउस की इस मामले में क्या क्षमता निर्धारित की गई थी। पूर्णिया पुलिस अब भी इस पत्र के जवाब का इंतजार कर रही है। जांच में यह बात भी सामने आई की एक हथियार का लाइसेंस धारी हर वर्ष 200 कारतूस का अधिकतम उठाव कर सकता है, मगर विशाल गन हाउस के संचालक ने कारतूस का क्रेता और विक्रेता दोनों बनकर राइफल के लिए 300 कारतूस एवं पिस्तौल के नाम पर 245 कारतूस का उठाव कर डाला ।
------ कोट के लिए
------------------- पूर्णिया में अवैध तरीके से कारतूस बेचे जाने का मामला सामने आया है इस मामले में विशाल गन हाउस के प्रोपराइटर के खिलाफ अपने हथियार पर क्षमता से अधिक कारतूस का उठाव करने के कारण मामला दर्ज करते हुए लाइसेंस रद किया जा रहा है। इसके अलावा जांचकर्ता को प्रतिष्ठान का लाइसेंस रद करने का प्रस्ताव डीएम को भेजने का निर्देश दिया गया है।
आनंद पांडेय, सदर डीएसपी पूर्णिया
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