कोर्ट ने अररिया एसडीपीओ को जारी किया कारण बताओ नोटिस

संसू, अररिया: एक गूंगी व बहरी दिव्यांग नाबालिग लड़की से संबंधित पोक्सो एक्ट जैसे संवेदनशील मामले में अनुसंधानकर्ता बने पुलिस द्वारा उपेक्षित नजरिया अपनाना उन्हें काफी मंहगा पड़ा। इस संबंध में अररिया के पोक्सो एक्ट के स्पेशल जज शशिकांत राय की अदालत ने संज्ञान लेते सोमवार को अररिया के एसडीपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है तथा निर्धारित तिथि को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।

उक्त संबंध में स्पेशल केस नंबर-41/18 अररिया की अदालत में लंबित है। पीछले 25जुलाई 2018 को एक चौदह वर्षीय नाबालिग गूंगी व बहरी दिव्यांग लड़की के साथ कई लड़कों ने सामूहिक दुष्कर्म का अंजाम दिया। इस मामले में ताराबाडी थाना क्षेत्र के बटुरबाडी निवासी मो चुन्ना एवं मो जावेद सहित कई लोगों के नाम सामने आया। इस संबंध में अररिया महिला थाना कांड संख्या-77/18 दर्ज हुआ।

कहते हैं कि दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता का उम्र 14 वर्ष उल्लेख किया गया। इतना ही नहीं कोर्ट में पीड़िता द्वारा धारा -164 के दर्ज बयान में पीड़िता का उम्र 17 वर्ष कही जाती है। इस मामले का सुपरविजन अररिया एसडीपीओ द्वारा किए गए। तत्पश्चात आईओ बने पुलिस अधिकारी द्वारा इस मामले में इस मामले में भादवि के कई महत्वपूर्ण धाराओं को हटा दिया गया।
इस मामले में अररिया के पोक्सो एक्ट के स्पेशल कोर्ट काफी गंभीर रूख दिखाई है। स्पेशल कोर्ट के जज शशिकांत राय की अदालत ने अररिया के एसडीपीओ को इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है तथा अगली तिथि 20मार्च2021 निर्धारित करते कहा है कि यह स्पष्ट होना आवश्यक है कि किस परिस्थिति में पीड़िता के नाबालिग होने के बावजूद इस मामले के आईओ को पोक्सो एक्ट के अंतर्गत आरोप पत्र दाखिल करने से मना करने के साथ-साथ दप्रस की सुसंगत धाराओं का अनुपालन नहीं किया गया।
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