बेटों से ही रोशन नहीं होता चिराग, बेटियां भी करती हैं उजाला

संवाद सूत्र, त्रिवेणीगंज (सुपौल): बेटों से ही रोशन नहीं होता चिराग बेटियां भी उजाला करती हैं। इस पंक्ति को चरितार्थ करती है त्रिवेणीगंज प्रखंड क्षेत्र की लड़कियां। ग्रामीण इलाकों की लड़कियां अब बोझ नहीं बल्कि बोझ उठाने का काम करती। कई लड़कियां हैं जो परिवार को चलाने में अपना योगदान दे रही हैं।

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फोटो फाइल नंबर-8एसयूपी-8
प्रखंड के बाजितपुरपुर गांव की मध्यमवर्गीय परिवार से नाता रखने वाली आकांक्षा कुमारी त्रिवेणीगंज प्रखंड कार्यालय के समाज कल्याण विभाग में कार्यपालक सहायक के पद पर 2019 से कार्य कर रही हैं औऱ बीपीएससी की तैयारी भी कर रही हैं। वे बताती है कि गलत मानसिकता के लोग लड़कियों को कमजोर समझते हैं इन्हें पता नहीं है कि हम लड़कियां भी किसी से कमजोर नहीं हैं। आजकल हर क्षेत्र में लड़कियां अव्वल हैं हमारी प्रतिभा को समाज में परखने की जरूरत है न कि कमजोर समझने की।
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फोटो फाइल नंबर-8एसयूपी-9
बिहार दरोगा दक्षता परीक्षा में पीटी औऱ मेंस के साथ-साथ बिहार एसएससी परीक्षा में पीटी औऱ मेंस की परीक्षा पास कर चुकी प्रखंड की थलहा गढि़या दक्षिण पंचायत के करमनियां निवासी रविद्र भगत की पुत्री नीतू कुमारी कहती हैं कि मेरे पिता की मौत के बाद मेरी मां मेरी प्रेरणा बनी औऱ समाज के ताना बाना को दरकिनार कर मुझे पढ़ाया लिखाया मुझे इस काबिल बनाया। नीतू व‌र्त्तमान में मधेपुरा जिले के कुमारखंड प्रखंड के श्रीनगर ओपी थाना में कार्यपालक सहायक के रूप में 2019 से कार्यरत हैं। वे कहती हैं कि हम महिलाओं को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए। महिलाओं को परिवार औऱ समाज का साथ मिले तो वो बहुत आगे तक जाएगी। समाज को महिलाओं का हौसला बढ़ाना चाहिए।
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फोटो फाइल नंबर-8एसयूपी-10
प्रखंड की मिरजवा पंचायत के लहरनियां गांव निवासी किसान ललन प्रसाद सिंह की पुत्री अनुपम सिंह 2018 से पंचायत कार्यपालक सहायक हैं। वे कहती हैं कि महिलाओं को कमजोर नहीं समझना चाहिए। महिलाएं एक नई जिदगी को पैदा कर सकती है तो वह समाज के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त भी कर सकती हैं।
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