एप के माध्यम से संस्थागत प्रसव में होगी बढ़ोतरी

पूर्णिया। जिले में मातृत्व सुरक्षा के लिए कई कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए एप की मदद ली जा रही है। जिले में जच्चा -बच्चा मृत्यु दर अभी उच्च है। राज्य में गर्भवती महिलाओं को समय पर सहायता पहुंचाने और समुचित देखभाल के लिए वांडर एप का सहारा लिया जा रहा है। यह एप ना केवल गर्भवती महिलाओं की निगरानी बल्कि सरकारी अस्पताल संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी होगी।

इसके लिए करीब एक लाख गर्भवती महिलाओं का डेटा इस एप पर अपलोड करने का लक्ष्य दिया गया है। एक सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला मुख्यालय में दिया गया है। इसके साथ ही प्रखंड स्तर पर भी इसके लिए एक-एक मास्टर ट्रेनर नियुक्त किए गए हैं। सभी डेटा अस्पताल में उपलब्ध होगा और पीएचसी की एएनएम भी उसकी निगरानी करेंगी। आशा कार्यकर्ता की मदद से गर्भवती महिलाओं को सलाह और सहायता पहुंचेगी। इसके साथ ही उच्च मेडिकल अधिकारी भी इस एप के साथ जुड़े होंगे। महिला की बीमारी, समस्या आदि सभी तरह की जानकारी उपलब्ध होगी। गर्भवती महिलाओं के अस्पताल पहुंचते ही तुरंत उपचार प्रारंभ हो जाएगा। जिसकी निगरानी होगी। अगर जटिलता हुई तो उच्च मेडिकल संस्थान रेफर भी किया जाएगा। इसके साथ ही गर्भधारण के दौरान कम से कम तीन एएनसी जांच जरुरी है उसकी भी निगरानी की जाएगी।

कैसे काम करेगा यह एप -:
इस एप में गर्भवती महिलाओं की चिकित्सकीय और लैब रिपोर्ट एक यूनिक कोड के साथ सुरक्षित रहेगा। संबंधित महिलाओं की रिपोर्ट नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में रहेगी। मोबाइल से इसको कनेक्ट रहने के साथ जैसे ही गर्भवती महिला आपात स्थिति में स्वास्थ्य केंद्र पहुंचती है तो मौके पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मी वंडर एप महिला नाम आदि सूचना दर्ज करेंगे। दर्ज करने के साथ ही महिला की पूरी रिपोर्ट एप पर देखी जा सकती है। वैसे ही उच्च चिकित्सा संस्थान को अलर्ट मैसेज आता है। इससे तत्काल इलाज व मार्गदर्शन उपलब्ध होता है।
इस कारण से मौके पर मौजूद चिकित्सक और एएनएम के लिए महिला का उपचार करने में सहुलियत होगी। उसकी मेडिकल हिस्ट्री के साथ अगर किसी भी तरह जटिलता होगी तो उच्च मेडिकल संस्थान से सलाह ली जा सकती है या फिर समय पर रेफर किया जा सकता है।
प्रसव के दौरान मौत में आएगी कमी -:
जिले में एक लाख गर्भवती महिलाओं का डेटा अपलोड करने का लक्ष्य रखा गया है।जिले के सभी सरकारी अस्पताल में 70 से 80 हजार तक प्रसव होता है। इसको बढ़ाकर एक लाख तक करने का लक्ष्य रखा गया है। संस्थागत प्रसव को बढ़ाने और निगरानी रखने में भी यह एप कारगर साबित होगा। एएनएम महिलाओं का डेटाबेस तैयार करेंगी। एप पर मेडिकल हिस्ट्री से लेकर नियमित जांच रिपोर्ट भी अपलोड होगी। इसके साथ ही किसी तरह की बीमारी भी होगी तो उसकी भी जानकारी उपलब्ध होगी।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार