कोहली की टीम अगस्त-सितंबर में इंग्लैंड में यही करिश्मा दिखा पाएगी?

इंग्लैंड के मैदानों में क्रिकेट के रोमांच का अपना चटक रंग है.

ठिठुराने वाली सर्दी के लिए पुलओवर, गर्मी लाने की कोशिश में फ़ील्डरों का अपने हाथों को रगड़ते रहना और गेंद पर ग्रिप बनाने के लिए गेंदबाज़ों का संघर्ष. लेकिन यह सब क्रिकेट के रोमांच से आपको जोड़ कर रखता है.
भारत के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अज़हरूद्दीन कहते हैं, "एक कंप्लीट क्रिकेटर कहलाने के लिए आपको इंग्लैंड में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होता है."
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ क्रिकेटरों की चुनौतियों के बारे में पूर्व क्रिकेटर मदन लाल बताते हैं, "आपको विपक्षी टीम के अलावा इंग्लैंड के मौसम से भी जूझना होता है."
इंग्लैंड में टेस्ट सिरीज़ के दौरान भारत के प्रदर्शन को लेकर मिली जुली यादे हैं. भारतीय टेस्ट क्रिकेट के लिए 1971 की जीत शिखर थी तो 1974 में लॉर्ड्स की हार सबसे ख़राब प्रदर्शन.
हाल के सालों में भारत का प्रदर्शन लगातार बेहतर हुआ है, 1986 और 2007 में टीम ने वहां जीत हासिल की थी.
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सिरीज़
इस बार इंग्लैंड के दौरे से पहले ही भारतीय टीम का दावा बेहद मज़बूत माना जा रहा है. इसकी वजह लगातार दो सिरीज़ में भारत का ज़ोरदार प्रदर्शन रहा है.
ऑस्ट्रेलिया में भारत ने एडिलेड के शर्मनाक प्रदर्शन को पीछे छोड़ने के बाद जो कामयाबी हासिल की, उसे आधुनिक क्रिकेट जगत की सबसे करिश्माई जीतों में गिना जाएगा.
टीम के कुछ अहम खिलाड़ियों के अनफ़िट होने और सिरीज़ से पहले क्वारंटीन होने की मानसिक चुनौतियों के बाद भी भारत का प्रदर्शन शानदार रहा.
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सिरीज़ में टीम इंडिया ने ना केवल खेल के दौरान सीखा बल्कि यह भी दिखाया कि आपसी एकजुटता से टीम कैसे मज़बूत बनकर उभरती है.
एडिलेड में भारतीय क्रिकेट टीम महज़ 36 रनों पर ऑल आउट हो गई थी, पूरी दुनिया भारतीय क्रिकेट टीम का जब मज़ाक़ बना रही थी तब सुनील गावस्कर इकलौते ऐसे शख़्स थे जिन्होंने पूरा भरोसा युवा टीम पर दिखाया था. वे बाद में सही साबित हुए.
कोहली की टीम
इंग्लैंड ने जब हाल में संपन्न हुई सिरीज़ के पहले टेस्ट में भारत को हरा दिया था तब भी सुनील गावस्कर ने कोहली की टीम पर भरोसा जताया था और एक बार फिर उनका भरोसा सही साबित हुआ.
इंग्लैंड से पहला टेस्ट गंवाने के बाद जिस तरह से भारत ने सिरीज़ में 3-1 से जीत हासिल की है, उसके बाद सबकी नज़रें अगस्त- सितंबर में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ होने वाले पाँच टेस्ट मैचों की सिरीज़ पर टिक गई है.
इस सिरीज़ में भारत को नॉटिंघम, लीडस, मैनचेस्टर में एक-एक और लंदन में दो टेस्ट खेलने हैं.
क्रिकेटर समीक्षकों का मानना है कि इंग्लैंड में पड़ने वाली गर्मी के दूसरे सत्र में भारतीय टीम दौरा करेगी और यह कोहली की टीम के फ़ायदे में रहेगा.
काउंटी क्रिकेट में लंबे समय तक खेल चुके भारत के पूर्व टेस्ट ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर ने बताया, "शुरूआती गर्मी के दिनों में गेंद काफ़ी स्विंग करती है, बाद में स्थिति सहज हो जाती है."
मैदान में प्रदर्शन
इस बार इंग्लैंड में होने वाली सिरीज़ के दौरान भारत के पक्ष में एक्स फैक्टर क्या होगा? दरअसल यह टीम निडर और मैदान में प्रदर्शन करने वाली टीम है.
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ इस टीम का प्रदर्शन बेहद शानदार था और उस दौरान टीम ने दिखाया था कि मौक़ा मिलने पर कई प्रतिभाशाली क्रिकेटर चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं.
भारत के पूर्व ऑलराउंडर मदन लाल बताते हैं, "दरअसल टीम की सबसे बड़ी ताक़त उसका बेंच स्ट्रेंथ है."
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के प्रदर्शन की बड़ी वजह एट्टीट्यूड और अप्रोच ही रहा.
इसके पीछे कोच रवि शास्त्री की भूमिका है, वे टीम के खिलाड़ियों को नेचुरल गेम खेलने को प्रोत्साहित करते हैं और इस एटीट्यूड का फ़ायदा इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सिरीज़ के दौरान भी ख़ूब देखने को मिला.
बल्लेबाज़ी के दम पर
भारत के हाथों टेस्ट सिरीज़ गंवाने के बाद घरेलू मैदान पर दबाव निश्चित तौर पर इंग्लैंड की टीम पर ही होगा.
इस हार का बदला लेने के लिए इंग्लिश टीम की तैयारी भी शुरू हो चुकी है और थिंक टैंक मज़बूत पहलुओं को और मज़बूत करने की कोशिश में जुट गया है.
लेकिन जहां तक भारतीय टीम का सवाल है अभी टीम में कोई बड़ी कमज़ोरी नहीं दिख रही है.
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सिरीज़ के दौरान भारतीय टीम ने बल्लेबाज़ी पर ध्यान दिया था. हार्दिक पांड्या, वाशिंगटन सुंदर, रविंदर जड़ेजा, ऋषभ पंत और आर अश्विन- ये सब ऑलराउंडर हैं और अपनी बल्लेबाज़ी को गंभीरता से लेते हैं.
इन्हें बॉलिंग ऑलराउंडर कह सकते हैं जबकि विकेटकीपर ऋषभ पंत अपनी बल्लेबाज़ी के दम पर भी टीम में स्थान पाने के दावेदार हैं.
ये पांचों क्रिकेटर क्रिकेट की किताब के सभी शाट्स खेलने में सक्षम हैं और यही बात इन्हें ख़ास बनाती हैं.
उछाल भरी पिचों के साथ
ऐसे में देखना होगा कि इंग्लैंड की टीम भारत के सामने किस तरह का टीम तैयार करती है. टीम जोस बटलर या जानी बैरिस्टो या बेन फ़ोक्स पर भरोसा करती है.
डॉम बेस, जैक लीच और मोइन अली में किनको शामिल करती है. चूंकि आगामी सिरीज़ अगले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा होगी लिहाजा इंग्लैंड के सामने मुश्किल चुनौती होगी.
भारतीय टीम ने हाल में कई मौक़ों पर दिखाया है कि हालात के मुताबिक़ टीम में ढलने की काबिलियत है.
बल्लेबाज़ स्पिन और तेज़ आक्रमण दोनों का सामना करने में सक्षम हैं. यानी मौजूदा टीम में ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों के साथ इंग्लैंड की सीम लेती पिच पर बेहतर प्रदर्शन करने का माद्दा है.
लेकिन टीम की सबसे बड़ी ख़ासियत गेंदबाज़ी है. भारतीय गेंदबाज़ों की सूची देखें तो यह मौजूदा समय में दुनिया का सबसे बेहतरीन और संतुलित आक्रामण है.
जसप्रीत बुमरा, ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, टी नटराजन, शार्दुल ठाकुर, भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाज़ किसी भी बल्लेबाज़ी क्रम को ध्वस्त कर सकते हैं.
युवा तेज़ गेंदबाज़
अपने टेंपारमेंट के चलते शार्दुल ठाकुर इंग्लैंड की परिस्थितियों के मुताबिक़ डार्क हार्स साबित हो सकते हैं.
मौजूदा समय में भारत के पास कम से कम 10 ऐसे तेज़ गेंदबाज़ मौजूद हैं जो 140 किलोमीटर प्रति घंटे से ज़्यादा की रफ़्तार से गेंद फेंक सकते हैं.
शिवम मावी, प्रसिद्ध कृष्णा, आवेश ख़ान और अंकित राजपूत जैसे युवा तेज़ गेंदबाज़ मौक़ा मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं.
इन तेज़ गेंदबाज़ों के अलावा भारत के स्पिनर भी ज़ोरदार फ़ॉर्म में हैं. आर अश्विन, रविंदर जडेजा, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव किसी भी पिच पर कामयाबी हासिल कर सकते हैं.
हालांकि इंग्लैंड की परिस्थितियां स्पिन गेंदबाज़ी को बहुत फ़ायदा नहीं पहुँचाती लेकिन भारतीय स्पिनर हालात के मुताबिक़ विविधता लाकर विपक्षी टीम को चौंका सकते हैं.
दुनिया के ज़ोरदार बल्लेबाज़
इंग्लैंड के मैदानों पर इंग्लैंड की टीम भी कहीं ज़्यादा ताक़तवर होगी.
जोफ्रा आर्चर और जेम्सम एंडरसन की जोड़ी अपने मैदानों पर कहीं ज़्यादा घातक होगी लेकिन भारत की बैटिंग लाइनअप में दुनिया के ज़ोरदार बल्लेबाज़ मौजूद हैं- विराट कोहली, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, शुभमन गिल, हनुमा विहारी और ऋषभ पंत, जैसे बल्लेबाज़ किसी भी गेंदबाज़ी आक्रमण की धज्जियां उड़ा सकते हैं.
इनके अलावा मयंक अग्रवाल, केएल राहुल और ईशान किशन भी प्रतिभाशाली बल्लेबाज़ हैं.
इंग्लैंड दौर पर टीम इंडिया को सबसे ज़्यादा फ़ायदा यह होने वाला है कि कम से कम 45 क्रिकेटर इंग्लैंड में मौजूद होंगे.
इनमें से आधे भारत- ए टीम के साथ इंग्लैंड का दौरा कर रहे होंगे. कुछ खिलाड़ियों को इंग्लैंड में पहले पहुँचकर वहां के हालात से तालमेल बिठाने का मौक़ा भी मिलेगा.
भारत के टेस्ट दौरे से पहले ही भारत-ए टीम का दौरा तय था. लेकिन इससे टीम प्रबंधन के सामने वैकल्पिक खिलाड़ियों की संख्या मौजूद होगी.
चुनौती का सामना
वैसे तो घर से बाहर खेलने पर वर्ल्ड क्रिकेट में कोई भी सिरीज़ आसान नहीं होती लेकिन भारतीय टीम ने विदेशों में भी अच्छा प्रदर्शन किया है, इनमें सबसे ज़्यादा जीत ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर हासिल की है.
मौजूदा समय में यह भी कहा जाने लगा है कि विदेशों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीम कोहली की टीम है और इस वक़्त यह टीम हर तरह की चुनौती का सामना करने को तैयार दिख रही है.
चाहे वो स्थितियां इंग्लैंड की घरेलू परिस्थितियां क्यों ना हो, इंग्लैंड की टीम जैसी भी पिच बनाएगी, भारतीय टीम उसका सामना करने को तैयार है.
दरअसल, इंग्लैंड के दौरे पर भी भारतीय टीम में निडर और युवा क्रिकेटरों की जमात होगी जो खेल पर अपना दबदबा दिखाना चाहेगी.
इन खिलाड़ियों के बूते ही, भारतीय टीम पहली बार इंग्लैंड में भी फ़ेवरिट मानी जा रही है.
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source: bbc.com/hindi

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