कोर्ट ने दिया आदेश, फिर भी 22 कट्ठा जमीन के लिए दो दिनों तक पैदल चला बुजुर्ग किसान, जानें पूरा मामला

देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर जहां एक तरफ किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बिहार के गोपालगंज जिले में रहने वाले 85 साल के बुजुर्ग किसान अपनी 22 कट्ठा जमीन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वे पिछले दो दशकों से अपनी जमीन को दबंगों के कब्जे से मुक्त कराने के लिए प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।

गोपालगंज जिले के हथुआ के फुलवरिया के बुजुर्ग किसान रामाशंकर राय अपनी जमीन वापस हासिल करने के लिए फुलवरिया थाना और सीओ के ऑफिस की लगातार दौड़ लगाकर थक गए। जब बात नहीं बनी तो उन्होंने जिलाधिकारी तक अपनी बात पहुंचाने का निर्णय लिया। इसके लिए वे लगातार दो दिनों तक पैदल चलकर गोपालगंज के डीएम कार्यालय पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने जनता दरबार में जमीन वापसी को लेकर गुहार लगाई।
रमाशंकर के अनुसार, उनकी 22 कट्ठा पुश्तैनी जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है। इसे वापस पाने के लिए वे 1986 से मुकदमा लड़ रहे थे। 2005 में कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बावजूद जमीन उनके पास नहीं आई है। इसके बाद वे लगभग दो दशकों से अलग-अलग सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन जमीन पर उनका कब्जा नहीं हो पाया है। 
बुजुर्ग किसान ने बताया कि वे पांच साल से फुलवरिया प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि उन्हें अबतक न्याय नहीं मिला है। किसान ने बताया कि कोर्ट से डिग्री मिलने के बाद भी प्रशासन उनकी जमीन वापस नहीं करवा पाया है। इससे थक हारकर उन्होंने डीएम से मिलकर जमीन वापसी की गुहार लगाई। वहीं पीड़ित की शिकायत सुनने के बाद डीएम ने तत्काल एक्शन लेते हुए सीओ को किसान की जमीन दाखिल कराने का आदेश दिया है।

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