पेट्रोल डीजल के साथ दवा के मूल्य ने बढ़ाया दर्द

दवाओं के दाम पांच से सौ रुपये तक बढ़े

कच्चे माल की कमी से पैदा हुआ संकट
राहुल सिंह, फारबिसगंज (अररिया): कोरोना काल से ही दवा की बढ़ी कीमत को पेट्रोल डीजल के बढ़ी कीमत ने रफ्तार पकड़ा दी है। गर्भावस्था, सांस, दिल, एंटीबायोटिक समेत दूसरी दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।दवाओं के दाम पांच से सौ रुपये तक बढ़े है।
इसके साथ ही कोरोना से बचने के लिए इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उपयोग में आने वाली दवा विटामिन-सी 40 से 50 फीसदी तक,विटामिन-डी3 20 फीसदी एवं मल्टीविटामिन की गोलियों के दामों में 10 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही पेंटाप्राजोल तथा रेबी प्राजोल डोमपेरीडोन कंबीनेशन में भी 20 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। जबकि मधुमेह और उच्च रक्तचाप के इलाज हेतु प्रयुक्त होने वाली विभिन्न दवाओं के खुदरा मूल्य 15 से 20 फीसदी तक बढे़ हैं। दवाओं का मूल्य निर्धारण सरकार द्वारा गठित नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिग ऑथरिटी द्वारा काफी छानबीन के बाद निर्धारित किया जाता है। जबकि ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर 1945 के तहत कोई भी दवा निर्माता अपने हिसाब से मूल्य का निर्धारण नहीं कर सकते हैं। जबकि डीकंट्रोल्ड दवाओं में मूल्य निर्धारण की कोई नीति स्पष्ट नहीं है। बाजार में इन दिनों ब्रांडेड जेनेरिक दवा के नाम पर खुदरा मूल्य में तथा खरीद मूल्य में दस रुपये से दो सौ तक का मार्जिन कंपनियों द्वारा दिया जा रहा है। यही हाल सर्जिकल आइटम्स जैसे सीरींज सेलाइन सेट, कॉटन बैंडेज आदि में है।

दवा निर्माता कंपनियों द्वारा निजी अस्पतालों को बाजार में प्रचलित एमआरपी से ज्यादा एमआरपी प्रिट कर दिए जाने की भी सूचना है। ----------------------------------------
क्यों हुई दवा के दाम में बढ़ोत्तरी :- कोरोना संक्रमण काल से एलएसी को लेकर चीन से तनातनी की वजह से दवाओं के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की आपूर्ति फिलहाल बाधित है। 60 से 70 फीसदी दवाओं का कच्चा माल चीन से आ रहा था। संक्रमण से सप्लाई चेन बाधित हैं। कच्चे माल की आपूर्ति प्रभावित होने का फर्क दवाओं की कीमतों पर पड़ रहा है।नतीजतन दवाओं की आपूर्ति मांग के मुताबिक नहीं हो पा रही है।
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क्या कहते है दवा एसोसिएशन के पदाधिकारी:-
फारबिसगंज केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के संरक्षक विनोद सरावगी के मुताबिक हाल के दिनों में कुछ दवाओं की कीमत में इजाफा हुआ है।हालांकि बाजार में दवाओं की किल्लत नहीं है।
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इन दवाओं के दामों में हुआ इजाफा:-
-दवा- पुरानी दर- नई दर प्रामिरोल 129 141 लेवरा 180 191 डेपरॉन 130 142 बिटाडिन लोशन 88 96 ------------------------------------
जरूरी दवाएं भी हुई महंगी:-
गर्भावस्था में दी जाने वाली डु़फास्टोन की 10 गोलियों 550 की जगह अब 672 में मिल रही है।
पेट बीमारी में दिया जाने वाला सिरप डु़फालेक 505 रुपये में था। अब इसकी कीमत 515 रुपये हो गई।
यूरिक एसिड की दवा फैबुस्टेट 184 रुपये का पता था। अब 202 रुपये में मरीज खरीदने को मजबूर है।
सांस की दवा एबी फ्लो 112 रुपये की थी। इसमें 11 रुपये का इजाफा हुआ है। अब 123 में बिक रही है।
एंजाइटी एटैरक्स गोलियां का पत्ता 36 का था। अब इसकी कीमत 39 रुपये हो गई है।
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क्या कहते है मरीज
खगेन्द्र साहा, अर्जुन मंडल,बबिता देवी ने बताया कि उच्चरक्तचाप मधुमेह की दवा रोजमर्रा के जरूरत की है जिसकी कीमत कोरोना काल से ही लगातार बढ़ रही है आमलोग को हर प्रकार के वस्तु की बढ़ती कीमत के साथ दवा की बढ़ती कीमत कमर तोड़ रखी है।
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