जिले में प्रारंभिक चरण में है टेलीमेडिसिन की सुविधा

पूर्णिया। टेलीमेडिसिन सेवा जिले में प्रारंभ हो चुकी है। इस व्यवस्था का लाभ मरीज उठा भी रहे हैं। सप्ताह में दो दिन ही सुविधा दी जा रही है। एक दिन में 50 से 60 मरीजों को लाभ मिल रहा है। श्रीनगर पीएचसी के डॉ. अविनाश ने बताया कि यह व्यवस्था अभी अभ्यास के दौड़ से गुजर रही है। अभी दो दिन टेलीमेडिसिन से लोगों को परामर्श और उपचार किया जा रहा है।

जिले में तीन हब अभी संचालित हो रहे हैं जहां चिकित्सक बैठते हैं। पहले फोन पर मरीज की बीमारी की जानकारी लेते हैं फिर लेपटॉप के माध्यम से लिखित परामर्श देते हैं। मरीज जिस सेंटर पर वहां की स्पोक्स में यानि एएनएम चिकित्सकीय परामर्श का प्रिटआउट निकाल लेते हैं। गुरुवार को जिले के तीन हब में 32 एएनएम विभिन्न सेंटर पर उपलब्ध रही। 59 मामले में परामर्श मांगी गई। जिसमें 52 मरीजों को परामर्श दिया गया। डॉ. अविनाश कुमार ने बताया कि जब एएनएम को पर्याप्त अभ्यास हो जाएगा और लोगों के बीच जागरूकता आएगी तभी इस व्यवस्था से लाभ मिल पाएगा। अभी यह प्रारंभिक चरण में है। अभी तो सामान्य बीमारी के लिए परामर्श लेने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। किस तरह के विशेषज्ञ चिकित्सक परामर्श के लिए बैठे हैं उस पर मरीज ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन आने वाले समय में इसका लाभ मिलने की उम्मीद है। अभी व्यवस्था प्रारंभ हुए एक माह ही हुआ है।

तीन हब हैं जहां चिकित्सक बैठते हैं उसमें श्रीनगर, बीकोठी और भवानीपुर शामिल है। सप्ताह में दो दिन परामर्श दिया जा रहा है।
हब एंड स्कोप प्रणाली से होता है उपचार -:
इसके लिए राज्य सरकार के द्वारा जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में हब एंड स्कोप प्रणाली से टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध होती है। सिविल सर्जन डॉ. एसके वर्मा ने बताया कि टेलीमेडिसिन प्रणाली के तहत मरीज अपनी समस्याओं से चिकित्सकों को अवगत कराते हुए आसानी से परामर्श मिलता है। इस प्रणाली के बारे में लोगों को जागरूक अभियान भी चलाया जा रहा है।
कैसे हो रहा है संचालन -:
टेलीमेडिसिन क्रियान्वयन के तहत एक हब बना है। एएनएम अपने टेबलेट के साथ पीएचसी में मौजूद रहती है जहां मरीज पहुंच कर अपनी समस्या बताती हैं। इससे हब में बैठे चिकित्सक से संपर्क किया जाता है। चिकित्सक समस्या के अनुरूप सलाह देते हैं। निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित एएनएम के पास कॉल किया जायेगा। उसके बाद बीमार मरीज से बातचीत के आधार पर मिली समस्या को एएनएम और चिकित्सक के पास भेजा जाएगा। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सक टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को सलाह देने के लिए उपलब्ध रहेंगे। जहां मरीज है वहां एएनएम चिकित्सकीय परामर्श का प्रिटआउट निकल कर मरीज को देते हैं। उसी आधार पर उसको दवा भी दी जाती है। साधन और समय की बचत -: साधन और समय के अभाव में बड़े-बड़े स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लेने में असमर्थ रहते हैं। साथ ही यह सेवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों को मरीज के संबंध में द्वितीय परामर्श लेने में मदद भी करेगी।
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