लाइव-बैंकों की हड़ताल से ढाई सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित

लाइव-बैंकों की हड़ताल से ढाई सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित

बैंक कर्मियों ने शहर में मार्च निकाल जताया विरोध
30- 40 करोड़ नगद व ढाई सौ करोड़ का लेनदेन पर पड़ा असर
बैंकों के निजीकरण के विरोध में जूलुस व प्रदर्शन मार्च
एक संवाददाता
छपरा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल के तहत सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण के विरोध में शहर के बैंक कर्मियों ने सोमवार को जूलुस व प्रदर्शन मार्च निकालकर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया। इनके हड़ताल पर जाने से आम ग्राहक रूपये जमा- निकासी नहीं कर पाये। वहीं 30-40 करोड़ नगद व ढाई सौ करोड़ रुपये का लेन देन प्रभावित होने का अनुमान है। देशव्यापी हड़ताल का सोमवार को पहला दिन था। देश व्यापी हड़ताल के कारण बैंकों के लगभग दो सौ शाखाओं में कार्य ठप रहा। आईसीआईसीआई, एक्सिस, एचडीएफसी ,कोटक बैंक के शाखाओं को भी बंद करा दिया गया।
केंद्र सरकार की जनविरोधी व बैंक की आर्थिक नीतियों का विरोध
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंक कर्मियों ने दो दिन बैंक बंद रखने का फैसला किया है। बैंक कर्मियों ने बैनर के साथ शहर में जुलूस प्रदर्शन मार्च निकाला तथा शहर का भ्रमण करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। केंद्र सरकार की जनविरोधी व बैंक की आर्थिक नीतियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण और उन में विनिवेश के फैसले के विरोध में बैंक संगठन द्वारा हड़ताल की गयी है। बैंककर्मियों का कहना था कि यह बंद आम जनता, किसानों, पेंशन भोगियों , छोटे व मध्यम उद्यमियों व्यापारियों, विद्यार्थियों, महिलाओं, बेरोजगारों, कर्मचारियों के रूप में देश की 95 प्रतिशत जनता के हितों की रक्षा के लिए है। बैंक कर्मियों ने निजी करण का मतलब समझाते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों का बंद होना और बैंकों का अधिक शहर उन्मुखीकरण, सार्वजनिक बचत के लिए अधिक जोखिम के लिए लघु बचत योजनाओं के ब्याज में कमी, कृषि कार्य में किसानों की बेदखली, छोटे एवं मध्यम व्यापारियों को ऋण लेने में कठिनाई हो रही है।
-

अन्य समाचार