अभियान चलाकर अतिक्रमणकारियों के कब्जे से जिला परिषद की भूमि को कराया जाएगा मुक्त: डीडीसी

अतिक्रमित जिला परिषद की जमीन को मुक्त कराने की दिशा में की जा रही है पहल ।

सरकार के निदेश के बाद चिन्हित कर अतिक्रमित भूमि को कराया जा रहा मुक्त ।
जिला परिषद के पास है कुल 1659 एकड़ 883 डिसमिल जमीन ।
आय के स्त्रोत बढ़ाने के लिए बनाए गए है मार्केट ।
फोटो नंबर 15 एआरआर 01 से 03 तक
कमर आलम अररिया: त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की सबसे बड़ी इकाई •िाला परिषद होती है ।जब 2001 में बिहार में पंचायती राज ब्यवस्था कायम हुई उससे पहले इसे डिस्ट्रिक्ट बोर्ड कहा जाता था ।जिसके काफी लंबे चौड़े क्षेत्र हुआ करते थे। काफी संपत्ति हुआ करती थी। लेकिन उसके देखरेख की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण काफी जगहों पर लोगों ने इसकी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा भी कर लिया ।लेकिन जैसे ही पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई तब से जिला परिषद का अपना एक अलग वजूद हुआ। डिस्ट्रिक्ट बोर्ड ही जिला परिषद का रूप ले लिया। अररिया जिला परिषद के लिए जिले के सभी नौ प्रखंडों से तीस सीट जिला पार्षद के हैं।

जिनके सदस्य चुनाव के माध्यम से सदस्य बनकर पांच साल सेवा देते है। जिस समय जिला परिषद अररिया अस्तित्व में आया था उस समय काफी पुराने और जर्जर भवन में कार्यालय चलता था।आय के कोई मजबूत श्रोत नहीं थे। ऐसे में इसकी भूमि के देख रेख भी सुचारू रूप से नहीं हो पाता था। लेकिन आज समय के साथ साथ स्थितियां काफी बदली हुई है ।अररिया जिला परिषद की अपनी एक अच्छी पहचान और छवि भी है।आज जिला परिषद का अपना भव्य कार्यालय है ।जिसमे मीटिग के लिए विशाल सभा भवन भी है ।काफी लंबे चौड़े एरिया में इस सुंदर भवन का निर्माण किया गया है ।
क्या कहते है जिला परिषद अध्यक्ष
जिला परिषद के अध्यक्ष आफताब अजीम पप्पू ने बताया कि जिला परिषद की स्थिति पहले काफी खराब थी। न तो कार्यालय की बेहतर ब्यवस्था थी और न ही आय के कोई खास स्त्रोत थे।जिला परिषद के पास पर्याप्त भूमि भी थी लेकिन उचित देखरेख के कारण अतिक्रमणकारियों ने कई जगहों पर अवैध कब्जा कर लिया है।लेकिन जब से पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई है तब से आजतक मैं और मेरी पत्नी बीस साल से लगातार अध्यक्ष पद पर हूं। उन्होंने बताया कि जिला परिषद के पास आज 1659 एकड़ 883 डिसमिल भूमि है। जो चिन्हित है और जैसे जैसे जांचोपरांत अतिक्रमण की जानकारी मिलती है उसे मुक्त भी कराया जा रहा है। पप्पू अजीम ने बताया कि आज जिला परिषद को अपना भव्य कार्यालय है। जिला मुख्यालय में एक आलीशान डाक बंगला है। इसके अलावा कुर्साकांटा, बीड़ी हाट ,फारबिसगंज और पहाड़ा चौक सिकटी में भी डाक बंगला बना हुआ है ।इसके अलावा शहरी क्षेत्र के जिला परिषद की भूमि में आय के स्त्रोत को बढ़ाने के बापू मार्किट ,विकास मार्किट ,हलीम उद्दीन मार्केट ,फणीश्वर नाथ रेणु मार्किट ,फारबिसगंज में अ•ाीम उद्दीन मार्केट ,रानीगंज और गिदवास में मार्केट का निर्माण कराया गया। साथ ही जिला परिषद कार्यालय से सटे डीआरसी भवन बनने की योजना प्रस्तावित है। साथ ही पंचम और पंद्रहवीं वित्त योजना मद से भी पूरे •िाले में जिला परिषद द्वारा विकास कार्य किया गया है।
क्या कहते हैं जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी
अररिया जिला के उप विकास आयुक्त सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि अभियान चलाकर अतिक्रमणकारियों के कब्जे से जिला परिषद की भूमि को कराया जाएगा मुक्त।
बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग द्वारा जिला परिषद की भूमि व अतिक्रमण पर रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसका जवाब उन्होंने अपने कार्यालय के पत्रांक 145 दिनांक 3 फरवरी 2021 के द्वारा भेजा गया है ।जिसमे उन्होंने बताया कि जिला परिषद के पास अपनी कुल 1659 एकड़ 883 डिसमिल जमीन है। जिसमे डाक बंगला की जमीन नौ एकड़ 215 डिसमिल ,पोखर के लिए पांच एकड़ 350 डिसमिल ,अद्दगड़ा के लिए एक एकड़ 640 डिसमिल ,विद्यालय के लिए 94 एकड़ 478 डिसमिल ,अस्पताल के लिए चार एकड़ 342 डिसमिल ,देहाती क्षेत्र की जमीन एक सौ छेहत्तर एकड़ 55 डिसमिल ,सड़क की •ामीन तेरह सौ तेतीस एकड़ 44 डिसमिल और अन्य •ामीन चौतीस एकड़ 848 डिसमिल जमीन है।जिसकी रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध करा दी गई है। डीसीसी ने बताया कि जो रिपोर्ट सरकार को की गई है उसमें आज भी कुछ भूमि पर लोगों का अवैध कब्जा है। जिसे अमीन से मापी कराकर कर अतिक्रमण कारियों से मुक्त कराया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि जल्द ही जिला परिषद की सभी भूमि को मुक्त कराकर अपने कब्जा में जिला परिषद ले लेगी।कोई भी व्यक्ति एक इंच जमीन भी अवैध रूप से कब्जा कर रही रख सकता है।
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