दुष्कर्म कर मासूम की हत्या करने के मामलें में चार दोषियों को मिली सजा

मुंगेर । तीन वर्ष पूर्व पांच वर्ष की मासूम के साथ दुष्कर्म कर गला घोंट कर हत्या कर शव को तालाब में फेंकने के मामले में एडीजे षष्टम सह विशेष न्यायाधीश पॉस्को प्रशांत कुमार ने चार आरोपित को सजा सुनाई।

शनिवार को न्यायालय ने असरगंज थाना कांड संख्या 13/18 व सत्रवाद संख्या 132/18 में सजा के बिदु पर सुनवाई की। अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक प्रीतम कुमार वैश्य एवं बचाव पक्ष से दो अधिवक्ताओं ने भाग लिया। न्यायालय ने मासूम की हत्या करने के मामला में युवक रोशन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई एवं पच्चीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। वहीं, शव छिपा कर साक्ष्य मिटाने के मामले में तीन वर्ष की सजा सुनाई एवं पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। पॉक्सो एक्ट की धारा चार में सात वर्ष एवं धारा छह में दस वर्ष की सजा सुनाई। वहीं, क्रमश: दस हजार एवं 15 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया । सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी एवं विचाराधीन अविधि सजा में समायोजित होगी।
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वहीं, मासूम का लाश पोखर में फेंक कर साक्ष्य मिटाने की धारा 201 भादवि में आरोपित रोशन कुमार, रोशन कुमार के पिता अनिल साह , मां अनीता देवी तथा एक अन्य सहयोगी कैलाश पंजियारा को न्यायालय ने तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई एवं पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
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क्या है मामला:
31 जनवरी 2018 को असरगंज थाना क्षेत्र की पांच वर्ष की मासूम अपने घर से कुछ सामान लेने के गांव के ही दुकानदार के पास जा रही थी । इसी दौरान आरोपी रोशन कुमार ने मासूम को अपने घर में बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया, फिर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी । घटना की जानकारी होने पर आरोपी रोशन की मां ने अपने खास आदमी कैलाश पंजियार को घटना की सूचना दी एवं लाश छुपाने की बात कहीं। फिर उसी रात को आरोपी रोशन कुमार, उसकी मां अनिता देवी, पिता अनिल साह एवं कैलाश पंजियार ने मासूम की लाश को मिडिल स्कूल के पीछे जलालाबाद पोखर में फेंक दिया था। दूसरे दिन मासूम की लाश बरामद हुई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म कर गला दबा कर हत्या करने की पृष्टी हुई।
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पंजियारा ने खोला था राज :
इस मामले में मासूम के पिता ने अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के दौरान पुलिस ने दूसरे दिन 3 फरवरी 2018 को सहयोगी कैलाश पंजियारा को हिरासत में लिया तो उसने स्वीकृति बयान में घटना का राज खोल दिया । फिर पुलिस ने 9 फरवरी 2018 को मुख्य अभियुक्त रोशन कुमार को हरियाणा के फारीदावाद से गिरफ्तार कर लिया । रोशन कुमार जेल में बंद था, तो अन्य तीन आरोपी जमानत पर थे । बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तीन वर्ष की सजा पर जमानत पर आरोपियों को मुक्त करने का निवेदन किया, लेकिन अभियोजन पक्ष के विरोध पर तीनों आरोपियों को न्यायालय ने न्याययिक अभिरक्षा मे लेकर जेल भेज दिया।
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पीड़ित परिवार को मिलेगी मुआवजा राशि:
न्यायालय ने पीड़ित परिवार को डीएलएसए से दस लाख रुपये मुआवजा राशि देने का आदेश दिया है । इस के आलावा आरोपियों द्वारा दंड राशि भी राजकोष में जमा ना कर पीड़ित परिवार को देने का आदेश दिया गया। न्यायालय ने सजा के आलावा कुल 65 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
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