भारत-नेपाल सीमा पर चल रहा डीजल-पेट्रोल की तस्करी



संसू सिकटी (अररिया): देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। ऐसे में भारत-नेपाल सीमा पर बसे तस्करों ने नया तरीका निकाला है। दो पहिया वाहन सहित अन्य छोटे वाहनों तथा साइकिल की मदद से डीजल पेट्रोल की तस्करी में जुट गए हैं। तस्कर बॉर्डर पार कर अपने वाहन लेकर नेपाल जा रहे हैं।पेट्रोल या डीजल भरवाते हैं और वापस लौट आते हैं। जिसके कारण डीजल-पेट्रोल की तस्करी बड़े पैमाने पर चल रही है।यहां बता दें कि नेपाल में पेट्रोल-डीजल की कीमतें भारत की अपेक्षा काफी कम हैं।जो पेट्रोल-डीजल वहां के लोगों के लिए महंगा है, वो यहां के लोगों के लिए सस्ता पड़ता है।नेपाल जाने के लिए किसी बीजा-पासपोर्ट की भी •ारूरत नहीं पड़ती है और तस्करी के लिए भारत-नेपाल की खुली सीमा तस्करौ के लिए मुफीद साबित हो रहा है। ऐसा नहीं है कि सीमा पर डटे एसएसबी के जवान कार्रवाई नहीं करते लेकिन तस्कर इतने होशियार हैं कि वे एसएसबी को चकमा देने में सफल हो जाते हैं।नेपाल से पेट्रोल-डीजल की तस्करी में सोनामनी गोदाम क्षेत्र से आमबाड़ी तक तस्कर सक्रिय हैं। नेपाल से इन तेलों की तस्करी कर अच्छे मुनाफे में भारतीय बाजारों में खफाया जा रहा है। नेपाल से डीजल-पेट्रोल की तस्करी के कारण भारतीय सीमा के पंप पर वीरानगी छाई हुई है। जिस खेती के सीजन में तेल लेने के लिए पेट्रोल पंप पर भीड़ देखी जाती थी, उस भीड़ को तस्करौ द्वारा कम कर दिया गया है। नेपाली तेल लेने पर उन्हें कम ़कीमत में उपलब्ध कराया जाता है।
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--- दोनों देश के मूल्य में है अंतर--- जो पेट्रोल-डीजल की कीमत नेपाल के लोगों के लिए अधिक होती है, अगर भारतीय मुद्रा के बदले खरीदा जाता है, तो उसकी कीमत कम हो जाती है।यहां के लोगों को नेपाल में पेट्रोल-डीजल 20 से 25 रुपए सस्ता पड़ जाता है। दो पहिया चालक तो बाइक लेकर नेपाल चलें जाते हैं और टंकी फूल कर वापस लौट जाते हैं। नेपाल में पेट्रोल की कीमत भारतीय मुद्रा में 67 रुपये तथा डीजल 56 रुपये लीटर है। वहीं भारतीय मूल्य पर गौर करें तो यहां पेट्रोल 94 रुपये तथा डीजल 87 रुपये प्रति लीटर की दर से उपलब्ध है।
--- पंप वाले हैं चितित--मां तारा पेट्रोल पंप मजरख के प्रोपराइटर रमेश कुमार यादव कहते हैं कि भारत-नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में पेट्रोल-डीजल की बिक्री कम हो गई है। पुलिस और एसएसबी की नीगेहबानी होने के बावजूद तेज गति से हो रही तस्करी और लोगों के वहां से टैंक फुल कराकर वापस लौटने के कारण ऐसा हो रहा है।जिसके कारण भारतीय सीमा के इस ओर लगे पम्पों के पेट्रोल-डीजल नहीं खरीद रहे हैं। तस्कर अपने घरों में स्टोर कर यहां के बाजारों में यहां के दर से कम ़कीमत पर बेच रहे हैं।उन्होने कहा कि प्रतिदिन 4 हजार लीटर तेल की बिक्री होती थी। वहीं अब 6 से सात सौ लीटर की बिक्री हीं हो पाती है। -क्या कहते हैं थानाध्यक्ष - इस संदर्भ में कुआड़ी थानाध्यक्ष संजय कुमार राम ने कहा कि तस्करी को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन और एसएसबी संयुक्त रूप से गश्ती कर नजर रख रही है। तस्करी को रोकने के लिए प्रशासन कृत संकल्पित है।आमलोगों से अपील है कि यदि ऐसी कोई जानकारी मिले तो प्रशासन को तुरंत सूचित करें।
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