IPL 2021: रोहित शर्मा ने 8 साल में जीती 5 ट्रॉफी विराट कोहली ने एक भी नहीं, क्यों RCB को चैंपियन नहीं बना पाते भारतीय कप्तान?

विराट कोहली की गिनती दुनिया के सफलतम कप्तानों में होती है. उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने काफी कामयाबी हासिल की है. इनमें ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में टी20, दक्षिण अफ्रीका में वनडे-टी20 सीरीज जीतना शामिल है. विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में भारत टेस्ट-वनडे दोनों में नंबर वन भी रहा है. लेकिन जब यह खिलाड़ी आईपीएल खेलने उतरता है तो ऐसी कामयाबी वहां पर नहीं दिखा पाता है. विराट कोहली आईपीएल 2013 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) कप्तान बने थे और तब से अभी तक इस टीम के मुखिया हैं. लेकिन उनकी कप्तानी में टीम केवल एक बार फाइनल में पहुंच सकी है. इसके अलावा दो बार प्लेऑफ खेली है बस. तो आखिर क्या वजह है कि कोहली अभी तक आरसीबी को अपनी कप्तानी में चैंपियन नहीं बना सके हैं? जबकि उनके साथ ही मुंबई इंडियंस के कप्तान बने रोहित शर्मा पांच बार ट्रॉफी जीत चुके हैं.

आरसीबी के अभी तक चैंपियन नहीं बनने की एक बड़ी वजह हैं उसका खिलाड़ियों पर भरोसा नहीं दिखाना. टीम लगभग हर सीजन में थोक के भाव खिलाड़ियों को लेती है और निकाल देती है. कुछेक खिलाड़ियों को छोड़ दें तो टीम के साथ ज्यादातर खिलाड़ी लंबे समय तक नहीं रह पाए हैं. आरसीबी के कोर खिलाड़ियों में देखा जाए तो केवल तीन नाम दिखते हैं. इनमें विराट कोहली, एबी डिविलियर्स और युजवेंद्र चहल के नाम आता हैं. चौथा कोई नाम वहीं दिखता है. आईपीएल 2021 की नीलामी से पहले भी आरसीबी ने 10 से ज्यादा खिलाड़ियों को बाहर कर दिया. अक्सर देखा गया है कि आरसीबी खुद से नई प्रतिभाओं को तलाशने के बजाए दूसरी टीमों के आजमाए नामों के पीछे भागती दिखाई देती है.
भरोसे की कमी पड़ रही आरसीबी को भारी
उदाहरण के रूप में देखिए- पवन नेगी ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए ठीकठाक खेल दिखाया था. ऐसे में 2017 में आरसीबी ने एक करोड़ रुपये में इस खिलाड़ी को ले लिया. यहां वे चार साल तक रहे लेकिन केवल 21 मैच खेले. इस दौरान उन्होंने 20 विकेट लिए और 156 रन बनाए. इनमें से अधिकांश मैच, रन और विकेट आईपीएल 2017 में ही आ गए थे. बाकी के सीजन वे दर्शक की तरह रहे. ऐसी ही कहानी शेन वॉटसन के साथ दिखती है. 2016 में जब राजस्थान रॉयल्स पर बैन लगा तो वॉटसन को आरसीबी ने साढ़े नौ करोड़ रुपये में खरीदा. इस सीजन में उन्होंने आरसीबी के लिए सबसे ज्यादा 20 विकेट लिए. फिर 2017 में वे कुछ मैचों में टीम के कप्तान भी बने. लेकिन 2018 में उन्हें रिलीज कर दिया गया. आईपीएल 2018 में वॉटसन चेन्नई सुपर किंग्स में गए और वहां 555 रन बनाने के साथ ही छह विकेट लिए. फाइनल में शतक लगाया और सीएसके चैंपियन बनी. ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं.
एक से एक धुरंधर प्लेयर्स को टीम से निकाला
क्रिस मौरिस, क्विंटन डीकॉक, केएल राहुल जैसे नाम कभी आरसीबी का ही हिस्सा थे. लेकिन कोहली और आरसीबी का इन पर भरोसा नहीं रहा. राहुल को 2018 में रिलीज किया गया. किंग्स इलेवन पंजाब ने 11 करोड़ में उन्हें खरीदा और आज वे वहां कप्तान हैं. साथ ही पिछले तीन सीजन में वे लगातार रन बनाने में टॉप के बल्लेबाजों में रहते हैं. यह तथ्य हैरान कर देगा कि आरसीबी ने तब सरफराज खान को रिटेन किया था जबकि राहुल को रिलीज कर दिया था. डीकॉक को भी टीम ने रिलीज किया और तब से वे मुंबई के साथ दो बार विजेता टीम का हिस्सा बन चुके हैं. ऐसा ही हाल मौरिस के मामले में रहे. उन्होंने आईपीएल 2020 में अच्छा खेल दिखाया था फिर भी उन्हें रिलीज कर दिया गया.
बढ़िया गेंदबाजों की कमी
आरसीबी की नाकामयाबी की यह एक बड़ी वजह रही है. ऐसा नहीं है कि टीम के पास बढ़िया गेंदबाज नहीं रहे लेकिन वे लंबे टिके नहीं. मिचेल स्टार्क, डेल स्टेन जैसे नाम इस खिलाड़ी के लिए खेले हैं. लेकिन जब ये थे तब दूसरे गेंदबाज उतने प्रतिस्पर्धी नहीं थे. टीम के पास युजवेंद्र चहल और वाशिंगटन सुंदर के रूप में दो बढ़िया स्पिनर हैं लेकिन कोहली कभी भी सुंदर का सही से इस्तेमाल करते नहीं दिखे. सुंदर ने राइजिंग पुणे सुपरजाएंट में खेलते हुए खुद को पावरप्ले का बढ़िया बॉलर साबित किया लेकिन कोहली इस तरह से उनका इस्तेमाल नहीं कर सके.
टीम बैलेंस में गड़बड़ी
आरसीबी में हमेशा देखा गया है कि उसका बैटिंग ऑर्डर टॉप पर काफी भारी रहता है लेकिन मिडिल और लॉअर मिडिल में एकदम खोखला. इस वजह से टीम मैच फिनिश करने में ज्यादातर बार असफल रहती है. कई मौकों पर बढ़िया शुरुआत के बाद भी निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाज न होने से मैच हाथ से फिसलता रहा है.
नए चेहरों को मौका और भरोसा देने में पीछे
आईपीएल में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली मुंबई इंडियंस सबसे कामयाब टीम है. यह टीम पांच बार विजेता बन चुकी है. मुंबई की कामयाबी उसके युवा चेहरों पर भरोसे में छिपी है. हार्दिक-क्रुणाल पंड्या, इशान किशन, सूर्यकुमार यादव, जसप्रीत बुमराह जैसे युवा मुंबई की जान हैं और जीत का आधार हैं. ये सब के सब टी20 क्रिकेट के धुरंधर हैं. आरसीबी ने पिछले आठ साल में कितने नए खिलाड़ी भारतीय टी20 टीम को दिए हैं? युजवेंद्र चहल और नवदीप सैनी के अलावा तीसरा कोई नाम याद नहीं आता. जबकि शिवम दुबे, हिम्मत सिंह, शाहबाज अहमद, कुलवंत खेजरोलिया, गुरकीरत सिंह मान जैसे प्लेयर इस टीम में खेले हैं. लेकिन या तो मौके नहीं मिले या उन पर टीम मैनेजमेंट का भरोसा नहीं रहा.
विराट कोहली बेशक दुनिया के बेहतरीन कप्तानों में गिने जाएंगे भले ही वे आईपीएल ट्रॉफी जीते या नहीं जीते. लेकिन आईपीएल ट्रॉफी या आईसीसी ट्रॉफी या त्रिकोणीय टूर्नामेंट जीतने से उनकी नेतृत्व क्षमता में सितारे ही लगेंगे.
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