बनियापुर में वार्ड सदस्य की दो लाख में सुपारी किलर ने की थी हत्या

पुलिस ने किया खुलासा, अपराधी दबोचे गए

हत्या के बाद दोनों अपराधी अरुणाचल प्रदेश हो गए थे फरार
हत्याकांड में शामिल थे छह अपराधी
हत्याकांड को लेकर एसपी ने स्पेशल एसआईटी का किया था गठन
हमारे संवाददाता
छपरा। सारण पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। बनियापुर थाना क्षेत्र के हरिहरपुर गांव के रहने वाले वार्ड सदस्य सद्दाम हुसैन की हत्या के मामले का खुलासा पुलिस ने कर लिया है। मालूम हो कि 2 मार्च की रात अपराधियों ने वार्ड सदस्य की हत्या गोली मारकर कर दी थी। उसके बाद उपद्रवी तत्वों ने पुलिस जीप में भी आग लगा दी थी। टाउन थाना में अपर पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि वार्ड सदस्य की हत्या में शामिल अपराधियों को देसी कट्टा और मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अपराधी जलालपुर थाना क्षेत्र के किशुनपुर धरान के रहने वाले शशिकांत कुमार व अंकित कुमार हैं जबकि इस घटना में शामिल अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है । अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एसपी संतोष कुमार के निर्देश पर स्पेशल एसआईटी टीम सदर डीएसपी मुनेश्वर प्रसाद सिंह के नेतृत्व में गठित की गई थी। एसपी ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया था।
दो लाख में सुपारी किलर से तय हुआ था सौदा
हरिहरपुर गांव के रहने वाले वार्ड संख्या 12 के वार्ड सदस्य सद्दाम हुसैन की हत्या का सौदा दो लाख रुपये में तय किया गया था। 50 हजार एडवांस और एक देसी कट्टा भी सुपारी किलर को उपलब्ध करा दिया गया था। हत्या के बाद शेष राशि देने की बात थी । गिरफ्तार अपराधियों से शुरुआती दौर में घटना में शामिल होने से इनकार कर दिया। जब पुलिस उन्हें अरुणाचल से लेकर आई थी तब पूछताड हुई थी। फिर टेक्निकल साक्ष्य के आधार पर जब गहराई से पूछताछ हुई तो दोनों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की। हत्या में प्रयुक्त देसी कट्टा घटनास्थल से 200 गज पूरब स्थित पोखरा के पास झाड़ी से पुलिस ने बरामद किया।
साथ में रहने वाले ने ही घटना को दिया अंजाम
बनियापुर थाना क्षेत्र के हरपुर गांव के चर्चित वार्ड सदस्य हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने किया तो सच्चाई सामने आ गयी। हत्या का ताना-बाना इस तरह बुना गया था कि हत्या भी हो जाए और जिससे अदावत है उसे फंसा भी दिया जाए। सद्दाम के साथ में रहकर जनसंपर्क करने वाले दो युवक भी इसमें शामिल थे लेकिन इस मामले में परिवार वाले के द्वारा थाने में अज्ञात अपराधियों पर एफआईआर करने के बाद पुलिस असली अपराधी तक पहुंच गई। अगर परिवार वाले नामजद कर दिए होते तो असली अपराधी बच जाते। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वाहन जलाने वालों में भी यही ग्रुप शामिल था ताकि पुलिस का ध्यान भटक जाए।
एसआईटी अरुणाचल प्रदेश तक गई थी
एसआईटी में शामिल इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार, बनियापुर थाना अध्यक्ष किशोरी चौधरी, मुफस्सिल थाने के एएसआई अरुण सिंह ने इस कांड का खुलासा करने में अहम भूमिका निभाई है। टीम अरुणाचल प्रदेश तक गई थी । एसपी ने बताया कि टीम को पुरस्कृत किया जायेगा।

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